कृषि को एक सफल उद्यम के रूप में स्थापित होने के लिये ज़रूरी है कि इसके सभी अवयवों का उचित समन्वय हो। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने हेतु कृषि समन्वय की इस प्रक्रिया ‘कृषि प्रबंधन’के तहत सरकार द्वारा किये जा रहे विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डालें।
12 Feb, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाभूमिका:
भारत भौगोलिक रूप से कृषि अनुकूल प्रदेश की श्रेणी में आता है तथा यहाँ विविध प्रकार के फसल उत्पादन हेतु नैसर्गिक परिस्थितियाँ मौजूद हैं। समुचित कृषि प्रबंधन से कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि संभव हो सकेगा और देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान भी बेहतर होगा।
विषय-वस्तु
वस्तुत: देखा जाए तो कृषि एक जटिल उद्यम है क्योंकि कृषि में एक तरफ जहाँ उचित जलवायु के अनुरूप फसल चयन तथा मृदा की अनुकूलता जैसे तकनीकी पक्षों की जाँच ज़रूरी है वहीं उच्च उत्पादकता वाले बीज तथा खरपतवारनाशी कीटनाशकों का संतुलित प्रयोग करना भी उत्पादन प्रक्रिया का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसके अलावा सिंचाई के साधनों के प्रकार व उनकी उपलब्धता से न केवल फसल की उत्पादकता प्रभावित होती है बल्कि इसका प्रभाव उत्पादन लागत पर भी पड़ता है। तत्पश्चात् उत्पादित अन्न के भंडारण तथा बाजार तक उसकी समुचित पहुँच सुनिश्चित कराना एवं उस अनाज की सही कीमत प्राप्त होने के उपरांत ही कृषि एक प्रक्रिया के रूप में पूर्ण मानी जाती है। साथ इन सभी कृषि निवेशों हेतु कृषकों के पास पर्याप्त वित्त की उपलब्धता भी आवश्यक है। स्पष्ट है कि कृषि को एक सफल उद्यम के रूप में स्थापित करने के लिये इसके सभी अवयवों का समन्वय आवश्यक है जो कृषि प्रबंधन के रूप में जाना जाता है। मृदा की अनुकूलता, सिंचाई साधनों की उपलब्धता, उर्वरक तथा कीटनाशकों का उपयोग, बाज़ार तक पहुँच तथा उचित मूल्य, उच्च उत्पादकता वाले बीजों की चयन आदि कृषि प्रबंधन के मुख्य अवयव माने जाते हैं।
कृषि प्रबंधन में सरकारी पहल
2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने हेतु सरकार द्वारा ऐसे अनेक नीतिगत निर्णय और कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं जो समुचित कृषि प्रबंधन के माध्यम से कृषि विकास को बढ़ावा दे रहे हैं।
निष्कर्ष
अंत में संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-
कहीं न कहीं पूरा देश कृषि से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़ा हुआ है इसलिये बिना इस क्षेत्र की उन्नति के विकसित देश होने का स्वप्न पूरा नहीं हो सकता। कृषि के विकास के लिये कृषि का प्रबंधन बहुत ज़रूरी है जिस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। सरकारी प्रयास यद्यपि काफी विस्तृत क्षेत्र को समेटते हैं तथापि स्वयं किसानों को भी कृषि को अधिक पेशेवर ढंग से करने की आवश्यकता है।