एक विकसित अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन न सिर्फ देश की पूरी परिवहन क्षमता में बढ़ोतरी करेगा, बल्कि इससे परिवहन मॉडल को भी दुरूस्त करने में मदद मिलेगी। भारत की जल मार्ग विकास परियोजना को संक्षिप्त में बताते हुए कथन की तर्कपूर्ण विवेचना कीजिये।
11 Feb, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाभूमिका:
गंगा नदी पर तैयार भारत का पहला मल्टीमॉडल टर्मिनल और देश का पहला मालवाहक जहाज जिसने गंगा नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग-1) पर कोलकाता से वाराणसी तक की यात्रा की थी, दोनों घटनाएँ न सिर्प भारत में अंतर्देशीय जल परिवहन (IWT) के विकास के साक्षय बने है, बल्कि इसने राष्ट्रीय जलमार्ग पर बिजनेस गतिविधियों में बढ़ोतरी के लिये जीमन भी तैयार की है।
विषय-वस्तु
राष्ट्रीय जलमार्ग कानून, 2016 के तहत 106 नए राष्ट्रीय जलमार्गों की घोषणा की गयी है। वर्तमान में 8 जलमार्गों का काय विकास पर है। राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) की घोषणा का उद्देश्य गंगा नदी के वाराणसी-हल्दिया मार्ग पर व्यावसायिक नौसंचालन को मुमकिन बनाना था।
राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के साथ प्रस्तावित पूर्वी समर्पित माल गलियारा और एनएच 2 भारतीय पूर्वी परिवहन गलियारा का हिस्सा है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) को पूर्वी और उत्तर पूर्वी राज्यों से जोड़ता है और यह कोलकाता बंदरगाह और भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट के जरिये बांग्लादेश, म्यांमार, थाइलैंड, नेपाल और अन्य पूर्वी और दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के लिये संपर्क के माध्यम की तरह काम करेगा।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने जहाजों की उपलब्धता के बारे में रियल टाइम आँकड़े उपलब्ध कराने के लिये ‘फोकल’ पेर्टल की शरुआत की है। एक विकसित अंतदेशीय जलमार्ग परिवहन न सिर्प देश की पूरी परिवहन क्षमता में बढ़ोतरी करेगा, बल्कि इससे परिवहन मॉडल को भी दुरूस्त करने में मदद मिलेगी, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर मामलों की ढुलाई संबंधी लागत के बोझ में कमी आएगी।
विश्व बैंक के आर्थिक विश्लेषण के मुताबिक जल मार्ग विकास परियोजना के तहत संबंधित गतिविधियों से करीब 5 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गारों का सृजन होगा। जेएमवीपी गंगा नदी पर पूरी तरह से सामवेशी, आर्थिक और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प हैं। इससे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ नदी को फिर से बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। यह परियोजना न सिर्प परिवहन का एक वैकल्पिक और सस्ता साधन तैयार करती है, बल्कि इससे ‘नदी के लिये गुंजाइश’ भी बन सकेगी और यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाढ़ का खतरा कम करने और नदी के संरक्षण में भी कारगर उपाय साबित हुआ है।
निष्कर्ष
अंत में संतुलित, संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-