अंग्रेज़ों ने जिस प्रक्रिया से भारत को उपनिवेश में बदलकर उसका शोषण किया, उसी प्रक्रिया ने उन कारणों को भी जन्म दिया जो उस सत्ता के विरूद्ध शुरू हुए विभिन्न जन-विद्रोहों के पीछे निहित थे। विवेचना करें।
उत्तर :
प्रश्न विच्छेद
प्रश्न का प्रथम भाग उस प्रक्रिया से संबंधित है जिसका प्रयोग अंग्रेज़ों ने भारतीय उपनिवेश के शोषण में किया था।
द्वितीय भाग में जन-विद्रोहों के पीछे इसी प्रक्रिया के उत्तरदायी होने की चर्चा करनी है।
हल करने का दृष्टिकोण
भारतीय उपनिवेश की स्थापना हेतु अंग्रेज़ों की नीति का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारंभ करें।
स्पष्ट करें कि यही नीति किस प्रकार जन-विद्रोहों के लिये भी उत्तरदायी थी? साथ ही निष्कर्ष लिखें।
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भारतीय उपनिवेश से प्राप्त संसाधनों से अंग्रेज़ी साम्राज्य के अन्य उपनिवेशों को नियंत्रित करना आसान हो गया था। भारतीय उपनिवेश को प्राप्त करने एवं इसे बनाए रखने के लिये अंग्रेज़ों ने अनेक आर्थिक, प्रशासनिक, राजनीतिक और सामाजिक-धार्मिक नीतियों की सहायता ली। किंतु यही कारक कालांतर में अनेक जन-विद्रोहों का कारण भी बने।
इन कारकों को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है:
- ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय समाज में अनेक सामाजिक और धार्मिक परिवर्तन हुए। अंग्रेज़ी को सरकारी भाषा बनाने के कारण फारसी और संस्कृत के ज्ञाता नौकरियों से हाथ धो बैठे। इसके अतिरिक्त, अंग्रेज़ों ने समाज की धार्मिक मान्यताओं पर भी चोट की।
- अंग्रेज़ों ने अपनी सत्ता को सशक्त करने के लिये एक ऐसी प्रशासनिक व्यवस्था की स्थापना की जो सेना और पुलिस, राजस्व विभाग, नौकरशाही एवं न्यायिक प्रणाली पर आधारित थी। इससे ब्रिटिश शासन की भारतीय उपनिवेश पर पकड़ मज़बूत हुई।
- अंग्रेज़ों ने भारतीय उपनिवेश पर अपने पैर जमाने के लिये एक सशक्त आर्थिक नीति को अपनाया जिसके तहत भू-राजस्व नीति, कृषि का वाणिज्यीकरण, अनौद्योगिकरण, रेलवे का विकास, आयात-निर्यात नीति आदि को स्वरूप प्रदान किया गया। इसी के तहत उन्होंने स्थानीय कृषकों से राजस्व वसूलना प्रारंभ किया। स्थानीय स्तर पर वसूल किये गए राजस्व से ही अंग्रेज़ों ने अपनी प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ किया।
- उन्होंने ईसाई मिशनरियों को धर्मांतरण के लिये प्रेरित किया एवं आंग्ल शिक्षा पद्धति को अपनाया।
इस प्रकार प्रशासनिक, आर्थिक और सामाजिक कारकों में परिवर्तन करके अंग्रेज़ों ने भारत को उपनिवेश में बदल दिया और उसका शोषण किया। किंतु कालांतर में इसी प्रक्रिया ने विभिन्न जन-विद्रोहों को भी जन्म दिया। जैसे-
- विभिन्न भू-राजस्व नीतियों एवं आदिवासी क्षेत्रों में हस्तक्षेप के कारण कृषकों एवं आदिवासियों का आर्थिक शोषण किया गया। जिसके परिणास्वरूप कृषकों एवं आदिवासियों ने विद्रोह कर दिया।
- नव स्थापित न्याय, नौकरशाही और राजस्व व्यवस्था को स्थानीय लोग समझ नहीं पाते थे। वहीं, अंग्रेज़ न्यायाधीश भी स्थानीय समस्याओं को नहीं समझ पाते थे, फलस्वरूप तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई जो अंतत: जन-विद्रोहों में परिणत हुई।
- ब्रिटिश शासकों ने स्थानीय धार्मिक मान्यताओं, रूढ़ियों एवं परंपराओं को परिवर्तित करने का प्रयास किया। शोषकों ने शोषितों के धार्मिक स्थलों को भी क्षति पहुँचाईं परिणामस्वरूप तनाव की स्थिति में विरोध करने वाले व्यक्तियों ने प्रचलित धार्मिक मान्यताओं का प्रयोग किया।
इस प्रकार निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि जिन सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और प्रशासनिक व्यवस्थाओं में परिवर्तन करके अंग्रेज़ों ने भारत को उपनिवेश में बदला, उन्हीं के चलते उन कारणों का भी जन्म हुआ, जो ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध हुए विभिन्न जन-विद्रोहों के पीछे निहित थे।