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प्रश्न :
चिकित्सकीय नैतिकता से क्या तात्पर्य है? एक चिकित्सक में किन मूल्यों का होना आवश्यक है? चर्चा करें। (150 शब्द)
11 Feb, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
चिकित्सकीय नैतिकता नैतिक सिद्धांतों की एक प्रणाली है, जो नैदानिक चिकित्सा अभ्यास और वैज्ञानिक अनुसंधान में मूल्यों और निर्णयों को लागू करती है। चिकित्सकीय नैतिकता वंश, लिंग या धर्म की परवाह किये बिना सभी लोगों को गुणवत्ता युक्त व सैद्धांतिक देखभाल (Care) की अनुमति देती है।
यह जीवित और निर्जीव दोनों पर लागू होती है। जैसे- शवों पर चिकित्सा अनुसंधान। इसमें पालन किये जाने वाले मूल्यों का स्पष्ट सेट होता है जो किसी भी भ्रम या संघर्ष के मामलें में पेशेवर के लिये मानक का कार्य करते हैं।
एक चिकित्सक में निम्नलिखित मूल्यों का होना आवश्यक है:
- स्वायत्तता का सम्मान: मरीज को अपने उपचार से मना करने या चुनने का अधिकार है।
- उपकार: एक चिकित्सक को रोगी के सर्वोत्तम हित में कार्य करना चाहिये।
- गैर हानिकारक: नुकसान का कारण नहीं बनना चाहिये। इसके अलावा, ‘उपयोगिता’ नुकसान की तुलना में अच्छाई को बढ़ाने वाली होनी चाहिये।
- न्याय: दुर्लभ स्वास्थ्य संसाधनों के वितरण और किसके लिये कौन-सा उपचार जैसे विषय (निष्पक्षता और समानता) के प्रति जागरूक होना।
- व्यक्तियों का सम्मान: मरीज़ और उसका उपचार करने वाला, दोनों गरिमापूर्ण व्यवहार के हकदार हैं।
- सच्चाई और ईमानदारी।
- गोपनीयता: एक चिकित्सक को अपने मरीज़ से जुड़ी जानकारी को गोपनीय रखना चाहिये।
यद्यपि उपर्युक्त मूल्य किसी स्थिति से निपटने में भूमिका नहीं निभाते किंतु उस संघर्ष को समझने के लिये उपयोगी ढाँचा उपलब्ध कराते हैं, जब नैतिक मूल्यों में संघर्ष होता है। ऐसी स्थिति में एक चिकित्सक के लिये नैतिकता के उच्च मानदंडों का पालन करना अनिवार्य हो जाता है।
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