संस्कृति व कार्य संस्कृति के मध्य क्या संबंध है? भारतीय सरकारी कार्य संस्कृति की विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर :
उत्तर की रुपरेखा :
- किसी समाज की संस्कृति, उस समाज की कार्य संस्कृति को कैसे प्रभावित करती है?
- भारतीय सरकारी कार्य संस्कृति की क्या विशेषताएँ हैं।
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किसी संगठन की कार्य संस्कृति काफी हद तक उस समाज की मूल संस्कृति से प्रभावित होती है। होफ्सटेड (HOFSTEDE) ने इस संबंध में संस्कृति आयाम प्रस्तुत किया है, जिसका सार यही है कि संस्कृति कार्य संस्कृति को व्यापक स्तर पर प्रभावित करती है। इसे निम्न उदाहरणों द्वारा समझा जा सकता है।
जैसी सत्ता की संरचना संस्कृति में होती है वैसी ही कार्य संस्कृति में भी दिखती है, जैसे- जिन देशों में परिवार का ढाँचा पितृसत्तावादी है अर्थात् जहाँ निर्णय करने की शक्ति केवल एक व्यक्ति के पास है वहाँ कार्य संस्कृति में भी शक्ति अंतराल स्पष्ट दिखाई देता है। जबकि ऐसे समाज जो लोकतांत्रिक है उनमें समानता, स्वतंत्रता की कार्य संस्कृति की झलक मिलती है।
- यदि संस्कृति व्यक्तिवादी दृष्टिकोण पर आधारित है तो कर्मचारी अपने संगठन पर आर्थिक व भावनात्मक दृष्टि से कम निर्भर होगा। दूसरी ओर यदि संस्कृति में सामूहिक ढाँचों का अधिक महत्त्व है तो व्यक्ति अपने संगठन पर अत्यधिक निर्भर रहता है।
- अगर समाज में सांस्कृतिक वैविध्य है और वैविध्य के प्रति सम्मान का भाव या लचीलापन है तो कार्य संस्कृति में भी विभिन्न वर्गों का बेहतर अनुपात होगा और समावेशी विकास होगा।
- संस्कृति सहजता पर अधिक बल देती है अतः इस संदर्भ में भी जैसी प्राथमिकताएँ संस्कृति में है वैसी ही कार्यालय में दिखेंगी।
भारतीय सरकारी कार्य संस्कृति की विशेषताएँ:
- संविधान का अनुच्छेद-311 लोक सेवकों को विशेष सुरक्षा प्रदान करता है और न्यायपालिका के निर्णय भी आमतौर पर लोकसेवकों के पक्ष में ही रहे हैं।
- अच्छे कार्य के लिये विशिष्ट पहचान या प्रशंसा का अभाव देखा जाता है।
- पदोन्नति व वेतन वृद्धि नियमित समय पर ही होती हैं। उसमें निष्पादन और नैतिक व्यवहार की विशेष भूमिका नहीं होती।
- पारंपरिक सत्तावादी ढाँचा- नीचे और ऊँचे पदों की शक्तियों में अंतराल अधिक है।
- राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण अनुशासनहीनता बढ़ी है।
- एकता की भावना का अभाव है। उत्तर भारत बनाम दक्षिण भारत, सामान्य वर्ग बनाम आरक्षित वर्ग जैसे अनेक विवाद अक्सर उठते रहते हैं।