‘वर्ल्ड एम्प्लॉयमेंट एंड सोशल आउटलुक रिपोर्ट-2017’ के अनुसार भारत में रोज़गार सृजन अपर्याप्त रहा है। यह देश में सामाजिक असमानता की खाई चौड़ी करने में कहाँ तक उत्तरदायी है?
07 Feb, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 सामाजिक न्याय
प्रश्न विच्छेद • वर्ल्ड एम्प्लॉयमेंट एंड सोशल आउटलुक रिपोर्ट-2017 के रोज़गार संबंधी भारत के आँकड़ों का उल्लेख करें। • कम रोज़गार सृजन सामाजिक असमानता के लिये कैसे उत्तरदायी है? हल करने का दृष्टिकोण • वर्ल्ड एम्प्लॉयमेंट एंड सोशल आउटलुक रिपोर्ट-2017 के आँकड़ों का उल्लेख करें। • अपर्याप्त रोज़गार सृजन के कारण सामाजिक असमानता का उल्लेख करें तथा पर्याप्त रोज़गार सृजन के उपाय बताएँ। • अंत में निष्कर्ष लिखें। |
वर्ल्ड एम्प्लॉयमेंट एंड सोशल आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2016 में 17.7 मिलियन लोग बेरोज़गार थे। यह संख्या बढ़कर 2017 में 17.8 मिलियन तथा 2018 में 18 मिलियन हो जाएगी। आँकड़े दर्शाते हैं कि भारत में रोज़गार का सृजन अपर्याप्त हो रहा है।
अपर्याप्त रोज़गार सृजन के चलते उत्पन्न सामाजिक असमानता की स्थिति के लिये निम्नलिखित कारण उत्तरदायी हैं-
यद्यपि सरकार द्वारा रोज़गार सृजन के लिये कई नीतियाँ एवं कार्यक्रम यथा-मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना, स्टार्टअप एवं स्टैंडअप इंडिया आदि चलाए गए हैं परंतु जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में रोज़गार सृजन अपर्याप्त रहा है।
वस्तुत: सामाजिक असमानता बढ़ाने में बेरोज़गारी एक प्रमुख कारण है। अत: बेरोज़गारी की समस्या से निपटने के लिये निम्नलिखित उपायों पर बल देना चाहिये।
निष्कर्षत: कह सकते हैं कि सामाजिक असमानता के लिये अपर्याप्त रोज़गार सृजन एक प्रमुख कारण है। अत: रोज़गार सृजन के लिये आवश्यक उपायों को अपनाकर समाजिक असमानता की खाई को कम किया जा सकता है।
संबंधित स्रोत : इंटरनेट, योजना और कुरूक्षेत्र।