मृदा निम्नीकरण एक गंभीर पर्यावरण समस्या है जिसका सामाजिक, आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक दुष्परिणाम भी चिंतनीय है। विवेचना करें।
04 Feb, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरणप्रश्न विच्छेद
हल करने का दृष्टिकोण
मृदा निम्नीकरण एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है। सामान्यत: कृषि, उद्योग और शहरीकरण के लिये मृदा का अवैज्ञानिक प्रबंधन और अनावश्यक इस्तेमाल के कारण मृदा गुणवत्ता में भौतिक, रासायनिक और जैविक रूप से गिरावट को ही मृदा निम्नीकरण कहा जाता है। मृदा मौलिक प्राकृतिक संसाधन है और समस्त धरातलीय जीवन का आधार है। अत: मृदा निम्नीकरण का निराकरण किया जाना जीवन के स्वस्थ रहने के लिये आवश्यक है। अतिरेक मृदा निम्नीकरण के तात्कालिक और दीर्घकालिक नुकसान हैं। यद्यपि मृदा निम्नीकरण प्राकृतिक रूप से भी होता है, तथापि मानवीय कारक मृदा निम्नीकरण के लिये प्रमुख रूप से उत्तरदायी हैं। इन कारकों को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है-
सामाजिक प्रभाव
आर्थिक प्रभाव
उक्त समस्याओं का निराकरण वनीकरण में वृद्धि, जैविक कृषि को बढ़ावा, वैज्ञानिक कृषि को प्रोत्साहन, मृदा अम्लीकरण को रोकना आदि उपायों के द्वारा किया जा सकता है।
निष्कर्षत: मृदा निम्नीकरण एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है जिसे समाप्त करना जैविक समुदाय के हितों के संरक्षण हेतु आवश्यक है। समष्टिगत प्रयासों के साथ-साथ व्यष्टिगत प्रयासों के द्वारा इस चुनौती से निपटने के प्रयास करने होंगे।