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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    इटली एवं जर्मनी में फासिस्ट शक्तियों का उदय तत्कालीन परिस्थितियों की एक अपरिहार्य परिणति थी। विवेचना कीजिये।

    02 Feb, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    प्रश्न विच्छेद

    • 20वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में फासीवाद के उदय के कारणों पर चर्चा करनी है।

    हल करने का दृष्टिकोण

    • फासीवाद का संक्षिप्त परिचय देते हुए उत्तर प्रारंभ करें।
    • फासीवाद के उदय की समकालीन परिस्थितियों का उल्लेख करें।
    • निष्कर्ष।

    फासीवाद एक राजनीतिक विचारधारा है जिसका उदय मुसोलिनी द्वारा इटली को प्राचीन रोमन साम्राज्य की तरह पुन: महान बनाने की भूख के साथ हुआ। फासीवाद मुख्यत: अतिराष्ट्रवाद पर आधारित है, जिसका ध्यान लोगों को नियंत्रित करने के लिये सैन्य शक्ति के प्रयोग पर केंद्रित है। यह सैन्य आदर्शों पर आधारित है जिसमें साहस, आज्ञाकारिता, अनुशासन और शारीरिक दक्षता सम्मलित है।

    1919 के पश्चात् इटली एवं जर्मनी में फासीवाद एवं नाजीवाद के उदय के अनेक कारणों को इंगित किया जा सकता है। जैसे- मुसोलिनी की व्यक्तिगत महत्त्वाकांक्षाएँ एवं उसका करिश्माई व्यक्तित्व, पेरिस शांति वार्ता में दोनों देशों की माँंगों का सही प्रतिनिधित्व न होना आदि। किंतु समकालीन यूरोपीय एवं इटली-जर्मनी की परिस्थितियों ने फासिस्ट शक्तियों के उदय को संभव बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    इन परिस्थितियों को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है:

    • प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् इटली की अर्थव्यवस्था लगभग चौपट हो गई थी। महँगाई और बेरोज़गारी की दर उच्च थी। ऐसे में मुसोलिनी के करिश्माई व्यक्तित्व ने उन्हें समस्याओं से बाहर निकलने की आशा दी।
    • प्रथम विश्व युद्ध के समय इटली को मित्र राष्ट्रों ने अपने पक्ष में करने के लिये अनेक वादे किये। किंतु पेरिस शांति सम्मेलन में इटली के साथ अलगावपूर्ण व्यवहार किया गया। इससे इटली स्वयं को ठगा महसूस करने लगा। फलस्वरूप फासिस्ट शक्ति को उत्प्रेरण मिला।
    • इटली निवासियों के असंतोष को दूर करने तथा साम्राज्य प्रसार के उद्देश्य को लेकर मुसोलिनी ने फासिस्ट दल के नेतृत्व में अधिनायकवादी सत्ता की स्थापना की।
    • राष्ट्र संघ की असफलता ने सामूहिक सुरक्षा प्रणाली को ठेस पहुँचाई। मुसोलिनी ने फासिस्ट दल के नेतृत्व में अबिसीनिया पर आक्रमण किया और राष्ट्रसंघ के आदेशों की अवहेलना की।
    • नि:शस्त्रीकरण के प्रयासों की विफलता ने फासिस्ट दल की शस्त्रीकरण की नीति को बढ़ावा दिया।
    • इंग्लैंड और फ्रांस की तुष्टीकरण की नीति ने फासिस्ट शक्ति को नाज़ी शक्ति के साथ आने का अवसर दिया।

    इस प्रकार निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि इटली एवं जर्मनी में फासिस्ट शक्तियों के उदय के लिये समकालीन यूरोपीय परिस्थितियाँ उत्तरदायी थीं और इन्हीं परिस्थितियों ने फासिस्ट शक्ति के उदय को अपरिहार्य बना दिया।

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