वर्तमान युग में बदलते पर्यावरणीय परिदृश्य में लगातार दूषित होती ‘नगरीय जलवायु’ मानवीय क्रियाकलापों का ही एक उप-उत्पाद है। टिप्पणी करें।
01 Feb, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण
प्रश्न विच्छेद ‘नगरीय जलवायु’ प्रदूषण में मानवीय क्रियाकलापों की भूमिका की चर्चा करनी है। हल करने का दृष्टिकोण पर्यावरण परिवर्तन की संक्षिप्त चर्चा करते हुए उत्तर प्रारंभ करें। ‘नगरीय जलवायु’ के दूषित होने के कुछ प्रमाण एवं कारण लिखें। समाधान बताते हुए निष्कर्ष लिखें। |
पृथ्वी का औसत तापमान लगभग 15 डिग्री सेल्सियस है। यद्यपि भूगर्भीय प्रमाण बताते हैं कि पूर्व में यह मान परिवर्तित होता रहा है। किंतु पिछली दो शताब्दियों में मानवीय कारणों से इसमें बड़े परिवर्तन देखे गए हैं। UNFCCC तथा बर्टलैंड आयोग की रिपोर्ट ‘Our Common Future’ के अनुसार पृथ्वी के औसत तापमान में 1-2 डिग्री से. की बढ़ोतरी हुई है। यह छोट सा परिवर्तन वैश्विक स्तर पर बड़े परिवर्तनों को प्रोत्साहित कर रहा है। इस परिवर्तन से समस्त राष्ट्र ग्रसित हैं किंतु नगरीय जनजीवन और जलवायु पर इसके अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़े हैं।
पर्यावरण परिवर्तन की वर्तमान स्थिति के लिये मानवीय क्रियाएँ बहुत हद तक उत्तरदायी हैं, यही नगरीय जलवायु को भी दूषित कर रही है। इसे निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है-
शहरीकरण के कारण वनस्पति और वन्य जीवन बड़े स्तर पर प्रभावित हुए हैं। शहरीकरण के लिये वनों को काटना, वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को नुकसान, बढ़ता मानव-जीव टकराव आदि इसके प्रमाण हैं।
वाहनों के प्रयोग तथा शहरी अपशिष्ट को नदियों और तालाबों में डालने से उत्पन्न संकट।
CFC गैसों के प्रयोग से ओज़ोन क्षरण।
नाभिकीय अपशिष्ट का असुरक्षित निस्तारण।
ग्रीन हाउस गैस प्रभाव का बढ़ना, जिससे ऋतु परिवर्तन, वर्षा, शहरी बाढ़ आदि की बारम्बारता बढ़ गई है।
उक्त चुनौतियाँ थोड़े-बहुत चातुर्यपूर्ण मानवीय प्रयासों से कम की जा सकती हैं, जिसके तहत सार्वजनिक परिवहन का अधिकाधिक इस्तेमाल, रासायनिक उर्वरकों का न्यून उपयोग, नाभिकीय अपशिष्टों का वैज्ञानिक निस्तारण आदि प्रयास किये जा सकते हैं।
निष्कर्षत: यह कहा जा सकता है कि मानवीय क्रियाएँ पर्यावरण परिवर्तन हेतु उत्तरदायी हैं और इससे नगरीय जलवायु पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। यद्यपि कुछ मानवीय प्रयासों के द्वारा इन चुनौतियों से निपटा भी जा सकता है।