कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में दर्शाया है कि राजा संवैधानिक दास होता है। इस कथन के आलोक में कानून, नियम और विनियम का नैतिक निर्देश के स्रोत के रूप में क्या महत्व है? क्या औपचारिक नियमों और निर्देशों की शासन में कोई सीमा है? मूल्यांकन करें।
24 Aug, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
उत्तर की रूपरेखा:
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राजा को संविधान में उल्लेखित दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य करना चाहिये। वह कानून से ऊपर नहीं है क्योंकि ‘कानून, राजा है’ न कि ‘राजा कानून है।’ संविधानवाद राजा (शासक) पर बंधन लगाता है और यह शासक का नैतिक दायित्व है कि वह संविधान से बंध कर रहे।
इसी परिप्रेक्ष्य में कानून, नियम और विनियम (Law, Rule and Regulation) मार्गदर्शक शक्ति के रूप में कार्य करते हैं। ये स्पष्टता प्रदान करते हैं और अधिकारियों को वैयक्तिक पसंद से इतर निष्पक्षता का पालन कर निर्णय लेने में मदद करते हैं। जैसे-योग्यता के आधार पर नियुक्ति स्थायी कार्यकारी में भाई-भतीजावाद को रोकने में मदद करती है।
हालाँकि, कानून, नियम और विनियम की इस परिप्रेक्ष्य में कुछ सीमाएँ भी हैं: