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प्रश्न :
केस अध्ययन : आप एक उभरती हुई सूचना तकनीकी कंपनी के कार्यकारी निदेशक हैं। कंपनी के क्रय-विक्रय दल के प्रमुख श्री X ने एक वर्ष की अल्पावधि में कंपनी के राजस्व को दोगुना करने में योगदान दिया है और कंपनी के शेयर को उच्च मूल्य वर्ग में स्थापित किया है। अतः आप उन्हें पदोन्नत करने पर विचार कर रहे हैं, परंतु आपको कई स्रोतों से महिला सहयोगियों के प्रति उनके रवैये की, विशेषकर महिलाओं पर असंयत टिप्पणियाँ करने की आदत की सूचना मिल रही है। इसके अतिरिक्त वह दल के अन्य सदस्यों, जिसमें महिलाएँ भी शामिल हैं, को नियमित रूप से अभद्र संदेश भी भेजते हैं। एक दिन देर शाम श्री X के दल की एक सदस्या श्रीमती Y आपके पास आती हैं और श्री X के सतत् दुराचरण की शिकायत करती हैं, कि वह उस महिला के प्रति अवांछनीय प्रस्ताव रखते हैं और अपने कक्ष में उसे अनुपयुक्त रूप से स्पर्श करने की चेष्टा करते हैं। इसके साथ ही वह महिला अपना त्यागपत्र देकर कार्यालय से चली जाती है। प्रश्न (क) : उपरोक्त स्थिति में आपके पास क्या-क्या विकल्प हैं? प्रश्न (ख) : इनमें से प्रत्येक विकल्प का मूल्यांकन कीजिये एवं जिस विकल्प को आप चुनते हैं, उसे चुनने का कारण दीजिये।
27 Aug, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा
- प्रभावी भूमिका में मामले की स्थितियों को उल्लेखित करें।
- तार्किक तथा संतुलित विषय-वस्तु में मामले को सुलझाने के विकल्पों की चर्चा करते हुए उनका मूल्यांकन करें तथा सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प को चुनने का कारण प्रस्तुत करें।
- प्रश्नानुसार संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।
प्रस्तुत मामले में दो स्थितियाँ हैं- एक तरफ कंपनी को लाभ दिलाने वाले कर्मचारी का सवाल है तो दूसरी तरफ महिला सुरक्षा तथा कार्यालय की कार्य संस्कृति का प्रश्न है। क्योंकि श्री X के विरुद्ध निरंतर शिकायतें आ रही हैं और एक महिला ने त्याग पत्र भी दे दिया है तो पहली नज़र में X के विरुद्ध आरोप सही लगता है। जिसके आधार पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन एक राजस्व प्रदाता कर्मचारी पर कठोर कार्यवाही करना भी आसान नहीं होगा और महिला सुरक्षा को भी नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी इस संबंध में विशाखा दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं अतः कार्यालय में महिलाओं की सुरक्षा से भी समझौता नहीं किया जा सकता। इस सन्दर्भ में निम्नांकित विकल्प उपलब्ध हैं –
- महिलाकर्मी का इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया जाये और उससे कहा जाए कि वह कहीं और काम कर ले।
- महिलाओं के प्रति अपराध को सार्वभौमिक अपराध बताकर उससे कहा जाए कि महिलाओं के लिए हर जगह यही स्थिति है अतः वह मामले को आगे न बढ़ाये तथा अपना इस्तीफ़ा वापस ले ले, क्योंकि इससे कंपनी की साख खराब होगी।
- उसका इस्तीफ़ा वापस कर दिया जाये तथा उसे उचित कारवाई का आश्वासन दिया जाये।
उपर्युक्त विकल्पों के प्रति निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किये जा सकते हैं :
- पहला विकल्प इस बात पर आधारित है कि किसी भी कीमत पर कंपनी को राजस्व दिलाने वाले कर्मचारी को बाहर नहीं किया जाएगा। यह न केवल अनैतिक विकल्प है, बल्कि श्री X के अपराध को छिपाने वाला भी है। इससे अन्य महिलाकर्मियों में गलत संदेश जायेगा तथा कार्यालय की कार्य-संस्कृति विकृत हो जाएगी अतः यह विकल्प अपनाने योग्य नहीं है।
- दूसरा विकल्प यद्यपि महिलाकर्मी का त्यागपत्र वापस कर देता है, किंतु यह मामले को आगे न बढ़ाने की बात कह कर उचित समाधान के बजाए मामले को दबाना चाहता है। साथ ही, यदि महिला पुलिस में शिकायत करती है तो कंपनी की साख और भी खराब हो जाएगी। फिर कार्यवाही न करने में श्री X तथा ऐसे अन्य कर्मियों का दुस्साहस बढ़ेगा जो भविष्य में और अधिक अभद्रता भी कर सकते हैं। यह स्थिति और अधिक कठिन हो जाएगी। अतः दूसरा विकल्प भी अपनाने योग्य नहीं है।
- तीसरा विकल्प सबसे संतुलित है इस विकल्प को अपनाते हुए इसे निम्नांकित रूप से पूरा किया जायेगा। इसमें -
सबसे पहले महिलाकर्मी को विश्वास दिलाया जाएगा कि उसके साथ किसी भी प्रकार का कोई अन्याय नहीं होगा और उससे कहा जाएगा कि वह चाहे तो लिखित में भी शिकायत दे सकती है तथा इस संबंध में विशाखा दिशा-निर्देशों के तहत जांच समिति बैठा दी जाए। अगर वह महिला उस स्तर तक न जाना चाहती हो, तो व्यक्तिगत स्तर पर मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। इसमें महत्त्वपूर्ण यह है कि कार्यवाही महिलाकर्मी की अपेक्षा के अनुरूप हो। साथ ही, श्री X से भी व्यक्तिगत स्तर पर बात कर समस्या की वैद्यता का अनुमान लगाया जाएगा। यदि प्रकरण सत्य है तो प्राथमिक स्तर पर अधिकारी को समझाया जाएगा कि उसकी यह हरक़त उसका पूरा भविष्य समाप्त कर सकती है। उसके मन में यह भय उत्पन्न किया जाएगा कि उसके खिलाफ लिखित शिकायत हुई है तथा जांच समिति बैठ रही है। उसे मीडिया का भी भय दिखाया जाएगा कि अगर बात मीडिया तक पहुंची तो वह बहुत बुरी तरह से फंस सकता है।
पर्याप्त दबाव बनाने के बाद उससे लिखित माफीनामा लिया जाएगा, जिसमें वह अपनी गलती स्वीकार करे तथा भविष्य में ऐसा न करने का वादा करे। यह माफीनामा उस महिलाकर्मी के प्रति संबोधित होगा तथा उस महिलाकर्मी से भी कहा जायेगा कि यदि वह संतुष्ट है तो लिखित रूप में इसे स्वीकार करे।
आशा है इस प्रकार से समस्या का उचित समाधान किया जा सकेगा।
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