कर्नाटक के बादामी या वातापी के ब्राह्मण-हिन्दू धर्म और जैन धर्म से संबंधित प्राचीन चित्रकला और तमिलनाडु के सित्तनवासल गुफाओं की चित्रकला की विशेषताओं पर प्रकाश डालें।
22 Jan, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 1 संस्कृति
वाकाटक शासकों के बाद दक्षिण में चालुक्याें का उदय हुआ। इस शासक वंश का राजा मंगलेश कलाओं का महान संरक्षक था। बादामी काल की गुफाएँ कर्नाटक के बागलकोट जिले में बादामी नामक जगह में स्थित है जिसका रचना काल 578-579 ई. माना जाता है। वहीं तमिलनाडु के पटुकोट्टई जिले में सित्तनवासल की गुफाओं में स्थित मंदिरों की दीवारों पर 9वीं सदी के दौरान चित्र बनाए गए है।
विषयवस्तु के पहले भाग में हम बादामी चित्रकला की विशेषताओं पर प्रकाश डालेंगे-
बादामी या वातापी में ब्राह्मण-हिंदू धर्म, जैनधर्म से संबंधित चित्रकला का प्राचीनतम साक्ष्य है। बादामी चित्रकला की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
सित्तनवासल की चित्रकलाएँ जैन विषयों और प्रतीकों से गहरे रूप से जुड़ी हुयी है लेकिन यहाँ अजंता के समान ही मानदंड एवं तकनीकों का प्रयोग हुआ है।
सित्तनवासल चित्रकला की निम्नलिखित विशेषताएँ है-
यहाँ की चित्रकला अजंता शैली से पूरी तरह प्रभावित है।
अंत में संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-