इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    कर्नाटक के बादामी या वातापी के ब्राह्मण-हिन्दू धर्म और जैन धर्म से संबंधित प्राचीन चित्रकला और तमिलनाडु के सित्तनवासल गुफाओं की चित्रकला की विशेषताओं पर प्रकाश डालें।

    22 Jan, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 1 संस्कृति

    उत्तर :

    भूमिका:


    वाकाटक शासकों के बाद दक्षिण में चालुक्याें का उदय हुआ। इस शासक वंश का राजा मंगलेश कलाओं का महान संरक्षक था। बादामी काल की गुफाएँ कर्नाटक के बागलकोट जिले में बादामी नामक जगह में स्थित है जिसका रचना काल 578-579 ई. माना जाता है। वहीं तमिलनाडु के पटुकोट्टई जिले में सित्तनवासल की गुफाओं में स्थित मंदिरों की दीवारों पर 9वीं सदी के दौरान चित्र बनाए गए है।

    विषय-वस्तु


    विषयवस्तु के पहले भाग में हम बादामी चित्रकला की विशेषताओं पर प्रकाश डालेंगे-

    बादामी या वातापी में ब्राह्मण-हिंदू धर्म, जैनधर्म से संबंधित चित्रकला का प्राचीनतम साक्ष्य है। बादामी चित्रकला की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

    • इस कला में चित्र बनाने की प्रविधि बाघ की गुफाओं से मिलती-जुलती हैं।
    • आकृतियों में अनुपात की समस्या दिखती है हालाँकि भावों का समन्वय उचित दिखता है।
    • मुद्राओं, वस्त्र सज्जा और रंग संयोजन में अजंता कला का प्रभाव दृष्टिगोचर होता है।
    • यहाँ एक विशाल हिस्से में राजप्रसाद का दृश्य अंकित है, जिसमें एक आकृति संगीत और नृत्य का आनंद ले रही है और कुछ लोग खिड़कियों से इसे देख रहे हैं। संभवतया यह चित्र इंद्रसभा का है।
    • एक अन्य हिस्से में विश्राम करते हुए राजा और रानी का चित्र अंकित है, जबकि अन्य प्रसिद्ध चित्रों में आकाश में विचरण करते गंधर्व और खंभे का सहारा लिये युवती का चित्र है।
    • अजंता, बाघ एवं बादामी की चित्रकलाएँ उत्तर तथा दक्षिण की शास्त्रीय परंपरा का उत्तम प्रतिनिधित्व करती हैं।
    • विषय-वस्तु के दूसरे भाग में हम सित्तनवासल चित्रकला पर प्रकाश डालेंगे-

    सित्तनवासल की चित्रकलाएँ जैन विषयों और प्रतीकों से गहरे रूप से जुड़ी हुयी है लेकिन यहाँ अजंता के समान ही मानदंड एवं तकनीकों का प्रयोग हुआ है।

    सित्तनवासल चित्रकला की निम्नलिखित विशेषताएँ है-

    यहाँ की चित्रकला अजंता शैली से पूरी तरह प्रभावित है।

    • यहाँ के मंन्दिर की छत्त पर एक कमल वन चित्रित किया गया है और तालाब में मछली, मगरमच्छ आदि दर्शाए गए है।
    • यहाँ के चित्रों में पांड्य राजा-रानी और एक नर्तकी के चित्र को प्रशंसा मिली है। नर्तकी के शरीर के गति का चित्रण दर्शनीय है।

    निष्कर्ष


    अंत में संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2