भारत उस औद्योगिक क्रांति में पीछे रह गया, जिसने पिछली सदी में पूरी दुनिया को प्रभावित किया। परंतु, आज का समय ज्ञान आधारित क्रांति का है जिसमें योगदान देने के लिये भारत के पास कई अवसर है। क्या इस दिशा में अटल नवाचार मिशन कोई महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है? टिप्पणी कीजिये।
09 Jan, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी
भारतीय बौद्धिक क्षमता में किसी से भी कम नहीं रहें हैं जिसका प्रमाण हमारे दर्शन, संस्कृति, ललित कला, मंदिर, मूर्तिकला आदि में मिलता है। आज का समय ज्ञान आधारित क्रांति का है जिससे पूरी दुनिया गुजर रही है। भारत भले ही औद्योगिक क्रांति में पीछे रह गया परंतु ज्ञान आधारित क्रांति में भारत के पास योगदान देने के लिये कई अवसर हैं।
भारतीय आज विश्व में अपनी बौद्धिक क्षमता के कारण जाने जाते हैं। बात चाहे सुंदर पिचाई की हो या सत्य नडेला की, भारतीय विस्वस्तरीय और नवाचार से जुड़ी कई कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं। वे इन विकसित देशों में नवाचार से जुड़ी कई कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं। इन विकसित देशों में नवाचार संबंधी पारिस्थितिकी तंत्र की उपलब्धता ने इनकी आकांक्षाओं को फलने-फूलने में मदद की।
यह सत्य है कि देश में नवाचार और उद्यमिता का पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने पर यहाँ के युवा भी अपनी संभावनाओं का अधिक-से-अधिक दोहन कर सकेंगे। इसी संकल्पना को साकार करने के लिये नीति आयोग के तत्वाधान के तहत अटल नवाचार मिशन की शुरुआत की गई।
यह मिशन देश के विभिन्न हिस्सों में नवाचार और उद्यमिता का विश्वस्तरीय पारिस्थितकी तंत्र तैयार करने पर केंद्रित है। इससे नौकरी मांगने वाले भविष्य के नौकरी देने वाले नियोक्ता में परिवर्तित हो जाएंगे।
अटल नवाचार मिशन ने अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिये समग्र रणनीति अपनाई है। हाई स्कूल के स्तर पर नवाचार को ध्यान में रखते हुए छात्र-छात्राओं को तैयार किया जाएगा जो हमारे देश का भविष्य बनेंगे। इस स्कूली शिक्षा प्रणाली से हजारों उद्यमी और अन्वेषक पैदा होंगे। साथ ही स्टार्ट-अप को आगे बढ़ाने और उसे पोषित करने के लिये देश के विभिन्न संस्थानों में विश्वस्तरीय इनक्यूबेटर की आवश्यकता है। स्मार्ट सिटी मे विश्वस्तरीय इनक्यूबेटर सुनिश्चित करने की जरूरत है। अटल नवाचार मिशन उद्यमिता की दिशा में सांस्कृतिक बदलाव लाएगा।
इसके द्वारा सैद्धांतिक ज्ञान को नवाचार और व्यवहार में इस्तेमाल किया जा सकेगा। व्यवहारिक ज्ञान के द्वारा नए-नए औजार और तकनीक के साथ प्रयोग करने से बच्चों में कल्पनाशीलता तेज होती है जिसे वे वास्तविक दुनिया में आजमाते हैं।
अटल नवाचार मिशन के तहत देश में कई अटल टिंकरिंग लैब तैयार किये जा चुके हैं। इनमें सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूल शामिल हैं।
इसका मकसद देशभर में बड़ी संख्या में मौजूद स्टार्ट-अप के लिये विश्वस्तरीय इनक्यूबेटर तैयार करना है। ये इनक्यूबेटर तकनीकी प्रयोगशाला, नियुक्ति प्रशिक्षण, दिशा-निर्देश, वित्त, कॉर्पोरेट नेटवर्क की उपलब्धता के लिये जरूरी पारिस्थितिकी तंत्र मुहैया कराएंगे।
अंत में संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखे-
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हर राज्य में अलग-अलग मुद्दें और समस्याएँ हैं, जिन्हें आर्थिक विकास के अलावा सामाजिक जरूरतों के लिहाज से भी दुरुस्त किये जाने की आवश्यकता है। देश के भावी अन्वेषकों को इन समस्याओं की व्यापकता और प्रभाव को जानना जरूरी है ताकि वे इन समस्याओं को सुलझाने से संबंधित प्रभाव को समझ सकें। ऐसे में देशभर में स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर स्कूलों, विश्वविद्यालयों और उद्योगों में समस्याओं के समाधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। अटल नवाचार मिशन इन सभी चुनौतियों के समाधान के रूप में एक पथ प्रदर्शक की भूमिका निभा सकता है।