सारनाथ का अशोक स्तंभ मौर्यकालीन स्तंभ कला का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण माना जाता है। इसकी विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए अशोक के स्तंभ एवं अक्खमनी स्तंभ के मध्य अंतर स्पष्ट करें।
02 Jan, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 1 संस्कृति
अशोक स्तंभ की विशेषताओं को बताते हुए उत्तर आरंभ करें-
मौर्य काल के सर्वोत्कृष्ट नमूने अशोक के एकाश्म स्तंभ हैं, जो धम्म प्रचार के लिये देश के विभिन्न भागों में स्थापित किये गए थे। ये स्तंभ आधार की तरफ मोटे तथा ऊपर की तरफ क्रमश: पतले होते चले गए हैं। स्तंभ के मुख्य भाग को ‘लोट’ कहते हैं और ऊपरी हिस्से को शीर्ष।
विषय-वस्तु के पहले भाग में सारनाथ के अशोक स्तंभ के बारे में जानकारी देंगे-
लुम्बिनी, बोधगया एवं कुशीनगर सहित सारनाथ उन चार स्थानों में से एक है जहाँ भगवान बुद्ध ने अपने अनुगामियों को भ्रमण की सलाह दी थी। इस क्षेत्र की अधिकांश संरचनाएँ ध्वस्त हो चुकी हैं परंतु स्तंभ अभी भी खड़े हैं। सारनाथ का अशोक स्तंभ मौर्यकालीन स्तंभ कला का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण माना जाता है। इसके शीर्ष पर चार सिंह हैं जो एक-दूसरे की ओर पीठ किये हुए हैं। इसके नीचे घंटे के आकार के पद्म के ऊपर चित्र वल्लरी में एक हाथी, चौकड़ी भरता हुआ एक घोड़ा, एक साँड़ तथा एक सिंह की उभरी हुई आकृतियाँ हैं और इनके बीच में चक्र बने हुए हैं। एक ही पत्थर को काटकर बनाए गए इस सिंह स्तंभ के ऊपर ‘धर्मचक्र’ रखा हुआ है। फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद् का सूत्र ‘सत्यमेव जयते’ देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है- ‘सत्य की ही विजय होती है।
विषय-वस्तु के दूसरे भाग में अशोक स्तंभ एवं अक्खमनी स्तंभ के मध्य अंतर स्पष्ट करेंगे-
अशोक स्तंभ | अक्खमनी (ईरानी/फारसी) साम्राज्य के स्तंभ |
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अंत में संतुलित, संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-
इस प्रकार अशोक स्तंभों को ईरानी स्तंभों की नकल नहीं कह सकते। उल्लेखनीय है कि हमारे देश में अशोक के समय से पूर्व ही स्तंभ निर्माण की परंपरा विद्यमान थी। मौर्यकालीन स्तंभ तथा उनकी पॉलिश पूर्णतया भारतीय है, किंतु इसकी निरंतरता आगे नहीं रह सकी।