प्रमुख वनस्पति प्रकार तथा जलवायु परिस्थिति के आधार पर भारतीय वनों के प्रकारों को समझाएँ।
28 Dec, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल
प्राकृतिक वनस्पति एवं जलवायु परिस्थिति का अंतर्संबध बताते हुए उत्तर प्रारंभ करें-
प्राकृतिक वनस्पति का अर्थ उस पौधा समुदाय से लिया जाता है, जो लंबे समय तक बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के उगता है और इसकी विभिन्न प्रजातियाँ वहाँ पाई जाने वाली मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों में बहुत हद तक स्वयं को ढाल लेती हैं।
विषय-वस्तु के मुख्य भाग में भारतीय वनों के प्रकारों को विस्तारपूर्वक बताएंगे-
भारत में विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, मिट्टी और जलवायु में विभिन्नता के कारण भारतीय वनस्पति में क्षेत्रीय भिन्नताएँ पाई जाती हैं। हिमालय पर्वतों पर जहाँ शीतोष्ण कटिबंधीय वनस्पति उगती है वहीं, पश्चिमी घाट एवं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में उष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं तथा राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की झाड़ियाँ और काँटेदार वनस्पति पाई जाती है।
प्रमुख वनस्पति प्रकार तथा जलवायु परिस्थिति के आधार पर भारतीय वनों को निम्न प्रकारों में बाँटा जा सकता है-
1. उष्णकटिबंधीय सदाबहार एवं अर्द्ध-सदाबहार वन
2. उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
• आर्द्र पर्णपाती वन : जहाँ वर्षा 1000 से 200 सेंटीमीटर हो।
♦ ये वन उत्तर-पूर्वी राज्यों और हिमालय के गिरिपद, पश्चिमी घाट के पूर्वी ढालों और ओडिशा में पाए जाते हैं।
♦ मुख्य वृक्ष : सागवान, साल, शीशम, महुआ, आँवला, कुसुम।
• शुष्क पर्णपाती वन : जहाँ वर्षा 70 से 100 सेंटीमीटर होती है
♦ ये वन उत्तर प्रदेश व बिहार के मैदानी भागों में पाए जाते हैं।
♦ मुख्य वृक्ष : पलास, अमलतास, बेल, खैर और अक्साइड।
3. उष्णकटिबंधीय कांटेदार वन
4. पर्वतीय वन: इन वनों को 2 भागों में बाँटा गया है- उत्तरी पर्वतीय वन और दक्षिणी पर्वतीय वन।
♦ हिमालय के गिरिपद पर पर्णपाती वन पाए जाते हैं एवं 1,000 से 2,000 मीटर की ऊँचाई पर आर्द्र्र शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं
♦ ब्ल्यूपाइन और स्प्रूस 2,225 से 3,048 मीटर की ऊँचाई पर पाए जाते हैं। इससे अधिक ऊँचाई पर एल्पाइन वन और चरागाह पाए जाते हैं।
♦ 3,000 से 4,000 मीटर की ऊँचाई पर सिल्वर फर, जूनिपर, पाइन, बर्च और रोडोडेन्ड्रॉन वृक्ष मिलते हैं।
♦ अधिक ऊँचाई वाले भागों में टुण्ड्रा वनस्पति जैसे- मॉस व लाइकेन आदि पाई जाती है।
5. वेलांचली व अनूप वन
अंत में संतुलित, संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-