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प्रश्न :
जलवायु परिवर्तन के संभावित व्यवधान पर्वत तंत्र को प्रभावित करते हैं जो कि नाजुक पारिस्थितिक तंत्र के भाग होते हैं। हिमालय के संदर्भ में हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार इस समस्या पर प्रकाश डालें।
26 Dec, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरणउत्तर :
भूमिका:
अमेरिका के ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा हिमालय पर किये गए अध्ययन के बारे में बताते हुए उत्तर प्रारंभ करें-हाल ही मेें अमेरिका के ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्त्ताओं द्वारा जलवायु परिवर्तन का हिमालय पर पड़ने वाले प्रभाव के संबंध में अध्ययन किया गया। इसके अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय के ग्लेशियर काफी तेज़ी से पिघल रहे हैं जिसके कारण जल्द ही भारत, पाकिस्तान और नेपाल के कुछ हिस्सों को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
विषय-वस्तु
विषय-वस्तु के मुख्य भाग में हम इस अध्ययन के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालेंगे और हिमालय पारितंत्र की समस्या के बारे में चर्चा करेंगे-- वर्ष 2010 तक जलवायु परिवर्तन के कारण एंडीज पहाड़ और तिब्बती पठार पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है।
- यह भी संभव है कि यदि इस संबंध में कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई तो यह अनुमान 1/3 तक भी पहुँच सकता है।
- पिछले कुछ समय से इस परितंत्र में पानी की आपूर्ति में कमी की समस्या सामने आ रही है। बढ़ती आबादी के कारण पानी की मांग में भी बढोतरी हो रही है, ऐसे में हिमालय के ग्लेशियर्स के पिघलने की दर और बढ़ सकती है।
- पेरू के संदर्भ में देखें तो वहाँ ग्लेशियरों के पानी से ही फसलों, पशुओं और साधारण जनता के लिये आवश्यक मात्रा में पानी की आपूर्ति होती है।
- हिमालय पारितंत्र न सिर्फ भारत बल्कि हमारे पड़ोसी देशों, जैसे- चीन, पाकिस्तान, नेपाल की बारहमासी नदियों को ग्लेशियरों द्वारा जल उपलब्ध कराता है। यह उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव के बाद सबसे बड़ा ग्लेशियर भंडार है। हिमालय के ग्लेशियरों के पिघलने से भारत की नदियों, जैसे- गंगा, ब्रह्मपुत्र आदि पर नकारात्मक असर पड़ेगा, जो कि इंडो-गंगेटिक इकोसिस्टम से नज़दीकी से जुड़ी है। इन पर अधिकांश भारतीय कृषक अपनी प्राथमिक आजीविका हेेतु निर्भर हैं। इसके अलावा, तापमान में वृद्धि से निम्न अक्षांशीय विषुवतीय एवं उप-विषुवतीय वनों का खिसकाव उच्च अक्षांशीय वन क्षेत्रों की तरफ होगा जिससे कुछ शीतोष्ण वनस्पतियों का विलोपन होगा।
निष्कर्ष
अंत में संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-वर्तमान समय में हो रही तापमान वृद्धि सामान्य नहीं है। यह काफी तेजी से बढ़ रही है और इससे पेरू तथा भारत दोनों के ग्लेशियर प्रभावित हो रहे हैं। यह एक बड़ी समस्या है, क्योंकि बहुत से लोग पानी के लिये इन ग्लेशियरों पर आश्रित हैं। इससे इस क्षेत्र की जलापूर्ति पर दीर्घकालिक प्रभाव पडने की संभावना है। यह समस्या इसलिये भी विकराल है क्योंकि ग्लेशियरों के पिघलने से हिमस्खलन और बाढ़ का खतरा भी बढ़ता है। निश्चित रूप से इस संदर्भ में गंभीर विचार-विमर्श किये जाने की आवश्यकता है ताकि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सके।
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