एक पूर्ण, प्रमाण योग्य एवं स्थिर परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते की घोषणा किसी भी प्रभावी सत्यापन कार्यक्रम का आधार होती है। प्योंगयांग द्वारा इस सिद्धांत पर अमल करना परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में उनका पहला कदम होगा। विवेचना करें।
24 Dec, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
12 जून, 2018 को हुए सिंगापुर शिखर सम्मेलन के बारे में बताते हुए उत्तर आरंभ करें-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तरी कोरियाई नेता किम-जोंग-आन के बीच हुए सिंगापुर शिखर सम्मेलन को पूर्वोत्तर एशियाई सुरक्षा और कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण तथा विश्व शांति की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
विषय-वस्तु के मुख्य भाग में हम सिंगापुर शिखर सम्मेलन के संयुक्त वक्तव्य पर चर्चा करते हुए उसकी कमियों को रेखांकित करेंगे-
शीतयुद्ध समाप्त हो गया है लेकिन दुनिया की स्थिति में परिवर्तन नहीं हुआ। कोरियाई प्रायद्वीप दुनिया का एकमात्र स्थान है जहाँ शीतयुद्ध अभी भी चल रहा है। इस प्रायद्वीप में प्रतिद्वंद्विता में शामिल महान शक्तियों की संख्या में वृद्धि हुई है परंतु पांजुयोग में उत्तर कोरिया एवं दक्षिण कोरिया के बीच हुई वार्ता एवं सिंगापुर शिखर सम्मेलन यह दर्शाता है कि इस इस प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण एवं शांति स्थापना हेतु बेहतर संभावनाओं को तलाशने की कोशिश की जा रही है। लेकिन स्थिति यह है कि परमाणु निरस्त्रीकरण पर स्थायी समझौते की संभावना अभी भी अनिश्चित है। अभी भी परमाणु निरस्त्रीकरण की स्वीकार्य परिभाषा तय नहीं की गई है। सिंगापुर दस्तावेज में उत्तर कोरिया से परमाणु हथियार की समय-सीमा तय करने और पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की ओर बढ़ने के लिये किसी भी प्रतिबद्धता का उल्लेख नहीं किया गया है। परमाणु निरस्त्रीकरण की तरफ सार्थक कदम बढ़ाने के लिये अमेरिका द्वारा दक्षिण कोरिया में तैनात सभी परमाणु हथियारों को हटाना होगा एवं उत्तर कोरिया को यह गारंटी देनी होगी कि अमेरिका द्वारा कभी भी कोरियाई प्रायद्वीप और इसके आस-पास के क्षेत्र पर परमाणु हमला करने के लिये परमाणु हथियार का उपयोग नहीं किया जाएगा। साथ ही अमेरिका दक्षिण कोरिया में तैनात अपनी सेना को वापस बुला लेगा।
लेकिन यह तभी संभव है जब अमेरिका को यह विश्वास हो जाए कि उत्तर कोरिया एक पूर्ण, प्रमाण योग्य और अपरिवर्तनीय परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते के लिये प्रयासरत है। उत्तर कोरिया का परमाणु हथियार कार्यक्रम अप्रभावी हो इसके लिये ज़रूरी है कि इसके परमाणु कार्यक्रम और सुविधाएँ पूर्ण, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय समझौते के दायरे में आ जाएँ।
अंत में संतुलित, संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।
यह सत्य है कि संयुक्त राज्य अमेरिका को विशेष रूप से परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे पर प्रगतिशील और समकालिक क्रियान्वयन की रणनीति को महत्त्व देना होगा क्योंकि यह परमाणु निरस्त्रीकरण की सफलता की कुंजी है। हालाँकि अगर प्योंगयांग दबाव में झुकता है तो भी 2021 तक परमाणु निरस्त्रीकरण का लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं है क्योंकि इस प्रक्रिया को पूरा करने में 15 साल तक का समय लग सकता है। परंतु सबसे अहम बात है उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हथियारों के बुनियादी ढाँचे को खत्म करना, बहुपक्षीय सत्यापन प्रक्रिया को अपनाना और समझौते को सुनिश्चित करना।