लॉर्ड डलहौजी ने अपनी सृजनात्मकता के बल पर आधुनिक भारत की नींव रखी। चर्चा कीजिये।
21 Dec, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास
लॉर्ड डलहौजी की उपलब्धियों को बताते हुए उत्तर आरंभ करें-
लॉर्ड डलहौजी ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार का कोई अवसर नहीं खोया। साथ ही अपनी सृजनात्मक क्षमता के बल पर आधुनिक भारत की नींव रखी।
विषय-वस्तु के मुख्य भाग में लॉर्ड डलहौजी द्वारा किये गए सृजनात्मक कार्यों पर विस्तार से चर्चा करें-
1803 में प्रथम रेलवे लाइन बिछाई गई तथा शीघ्र ही समस्त भारत को रेलवे लाइनों द्वारा जोड़ा गया। डलहौजी द्वारा आरंभ की गई रेलवे लाइन बिछाने की यह योजना भारत में रेलवे के भावी प्रसार का आधार बनी। इससे भौगोलिक दूरी में कमी आई तथा भौगोलिक एकता की स्थापना हुई। डलहौजी ने शिक्षा में सुधार के लिये चार्ल्स वुड की अध्यक्षता में प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक की शिक्षा हेतु एक व्यापक योजना बनाई। यही योजना आधुनिक शिक्षा प्रणाली की आधारशिला रही जिसमें ज़िलों में एंग्लो-वर्नाकुलर स्कूल तथा लीगे प्रेसिडेंसी नगरों में लंदन विश्वविद्यालय के आदर्श पर एक-एक विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। लॉर्ड डलहौजी के समय पहली बार सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना की गई। इसके द्वारा सार्वजनिक महत्त्व के कई कार्याें के लिये धन व्यय किया जाने लगा। सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना के बाद नहरों, पुलों एवं ग्रांड ट्रंक रोड के निर्माण में तेज़ी आई। वाणिज्य संबंधी सुधार के कार्य भी डलहौजी के समय किये गए। कराची, बंबई और कलकत्ता के बंदरगाहों का विकास किया गया तथा बहुत से प्रकाश स्तंभों का निर्माण कराया गया। टेलीग्राफ का प्रारंभकर्ता भी डलहौजी को ही माना जाता है, उसने कलकत्ता से लेकर पेशावर, बंबई तथा मद्रास तक देश के भिन्न-भिन्न भागों को टेलीग्राफ व्यवस्था से जोड़ दिया। आधुनिक डाक व्यवस्था की आधाराशिला भी डलहौजी के समय ही रखी गई। 1854 में पारित पोस्ट ऑफिस एक्ट के द्वारा देश में कहीं भी निश्चित शुल्क की दर पर पत्र भेजा जा सकता था। देश में पहली बार डलहौजी के समय डाक टिकटों का प्रचलन आरंभ हुआ।
अंत में संतुलित, संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-
इस प्रकार डलहौजी के आधुनिकीकरण के प्रयास औपनिवेशिक हितों से प्रेरित थे, लेकिन इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि उसके प्रयासों ने नए भारत के निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।