राजनीतिक दलों के वित्तपोषण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए संघीय बजट 2017-18 में किए गए सुधारों की चर्चा करें एवं यह बताएँ कि अपने उद्देश्यों को पूरा करने में इन सुधारों की सफलता की क्या संभावनाएँ हैं?
13 Apr, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाएसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफोर्म की एक रिपोर्ट के अनुसारर राजनीतिक दलों को किए जाने वाले वित्तपोषण का 70% से अधिक हिस्सा अज्ञात स्रोतों से प्राप्त होता है। निर्वाचन आयोग ने भी सरकार से सिफारिश की थी कि अज्ञात स्रोतों से प्राप्त होने वाली राशि की अधिकतम सीमा 20,000 से घटाकर 2,000 तक कर दी जाए। इन्हीं सिफारिशों के मद्देनजर वित्तमंत्री ने संघीय बजट 2017-18 में निम्नलिखित सुधारों की घोषणा की है-
1. राजनीतिक पार्टी किसी एक व्यक्ति से नकद में 2,000 रुपये से अधिक राशि प्राप्त नहीं कर सकती।
2. बजट में सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में भी एक संशोधन प्रस्तावित किया है जिसके बाद चुनावी बॉन्ड जारी किया जा सकेगा।
उपर्युक्त सुधारों से भारतीय राजनीतिक दलों के वित्तपोषण में प्रयुक्त कालेधन पर लगाम कसी जा सकेगी। चुनावों में धन के प्रयोग में कमी आएगी एवं राजनीतिक दलों एवं कोर्पोरेट घरानों के बीच गठजोड़ में कमी आएगी। इससे राजनीतिक दलों की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी एवं राजनीति के अपराधीकरण में भी कमी आएगी। लेकिन, इन सुधारों के समक्ष कई चुनौतियाँ भी आने वाली हैं-
उपरोक्त विश्लेषण से यह निष्कर्ष निकलता है कि ये सुधार काफी अच्छे हैं लेकिन पर्याप्त नहीं है। इन सुधारों के अलावा भी सरकार निम्नलिखित उपाय कर पारदर्शिता को बढ़ा सकती है-