- फ़िल्टर करें :
- राजव्यवस्था
- अंतर्राष्ट्रीय संबंध
- सामाजिक न्याय
-
प्रश्न :
भारत के समान चीन भी वर्षों से आतंकवाद से प्रभावित रहा है लेकिन दोनों देशों में आतंकवाद के विरोध को लेकर कुछ बिंदुओं पर असहमति है। पाकिस्तान व अफगानिस्तान के विशेष संदर्भ में आतंकवाद के विरोध को लेकर असहमति के इन बिंदुओं पर चर्चा कीजिये।
20 Apr, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंधउत्तर :
जिस प्रकार भारत वर्षों से आतंकवाद से पीड़ित रहा है उसी प्रकार चीन का जिंजियांग प्रांत भी आतंकवाद से काफी प्रभावित रहा है। जिंजियांग में उइगुर मुस्लिमों द्वारा अलगाववादी आंदोलन चलाया जा रहा है एवं अब इस क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट का प्रभाव भी बढ़ रहा है। इस कारण चीन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ वैश्विक सहयोग की बात कर रहा है।
असहमति के प्रमुख बिंदुः-- भारत हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ है एवं ‘अच्छे तालिबान’ और ‘बुरे तालिबान’ जैसे भेदों को स्वीकार नहीं करता, जबकि चीन की दृष्टि में तालिबान में ऐसे तत्त्व भी हैं जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय एवं अफगानिस्तान सरकार के साथ सहयोग कर सकते हैं।
- भारत की नज़र में पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला प्रमुख देश है अतः भारत सदैव वैश्विक समुदाय से पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करता रहा है, जबकि चीन की नज़र में पाकिस्तान आतंकवाद से पीड़ित देश है। साथ ही, चीन पाकिस्तान को अपना निकटतम सहयोगी और सदाबहार मित्र मानता है।
- चीन भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में भी सहयोग नहीं कर रहा है। वैश्विक आतंकवादियों की सूची में मसूद अज़हर को शामिल करने को लेकर भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र (UN) के समक्ष लाए गए प्रस्ताव के विरुद्ध चीन ने दो बार वीटो कर दिया है।
निष्कर्षः नाटो (NATO) सेनाओं की अफगानिस्तान से वापसी के पश्चात् इस क्षेत्र में आतंकी गुटों के पुनः सिर उठाने की आशंका बढ़ी है। अतः भारत और चीन को इस क्षेत्र में मिलकर कार्य करना चाहिये। इससे सहयोग की नई संभावनाएँ भी उभरेगी लेकिन इसके लिये चीन द्वारा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों में सहयोग देना होगा तथा अफगानिस्तान में दोनों देशों को मिलकर कार्य करना होगा ताकि क्षेत्रीय शांति कायम हो सके और विकास के नए मार्ग खुल सकें।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print