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प्रश्न :
हाल ही में प्रस्तावित भारतीय चिकित्सा परिषद् (संशोधन) विधेयक, 2016 के प्रारूप के प्रमुख प्रावधानों का उल्लेख करते हुए इस विधेयक का आलोचनात्मक परीक्षण करें।
29 Apr, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
अरविंद पनगड़िया समिति द्वारा चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये की गई सिफारिशों के आधार पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 (MCI Act, 1956) में संशोधन के लिये भारतीय चिकित्सा परिषद् (संशोधन) विधेयक, 2016 प्रस्तावित किया।
विधेयक के प्रमुख प्रावधानः
- सभी चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में स्नातक के पश्चात एक समरूप ‘नेशनल एक्जिट टेस्ट (NEXT)’ आयोजि किया जाएगा जिसके माध्यम से मेडिकल स्नातकों को मेडिकल प्रैक्टिस या PG पाठ्यक्रम के लिये अर्हता प्राप्त होगी। इसके तहत MCI को NEXT के आयोजन से संबंधित नियम बनाने का अधिकार प्रदान किया जाएगा।
- UG और PG स्तर पर चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिये काउंसलिंग प्रस्तावित है।
- दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में कम से कम 3 साल की सेवा प्रदान करने वाले सरकारी चिकित्सकों को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में PG पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिये 50% तक आरक्षण का प्रावधान है।
- PG की डिग्री के पश्चात चिकित्सा अधिकारियों को दूरस्थ या दुर्गम क्षेत्रों में 3 साल के लिये सेवा करने हेतु निर्दिष्ट किया जा सकता है।
यह विधेयक सरकारी और निजी कॉलेजों के छात्रों को समान स्तर प्रदान करेगा एवं मेडिकल प्रैक्टिस हेतु लाइसेंस प्रदान करने में पारदर्शिता में वृद्धि कर भारत में चिकित्सा गुणवत्ता में वृद्धि करेगा। किंतु, इस विधेयक की निम्नलिखित बिंदुओं पर आलोचना की जाती है-
- चिकित्सा संस्थानों में पहले से ही उनके MBBS पाठ्यक्रम के लिये सतत मूल्यांकन की प्रक्रिया उपलब्ध है। ऐसे में NEXT का प्रावधान इस मूल्यांकन प्रक्रिया को निरर्थक बना देगा।
- NEXT की कठिन प्रक्रिया छात्रों के चिकित्सा पाठ्यक्रमों के प्रति रूझान को हतो साहित कर सकती है। साथ ही ड्राफ्ट में स्पष्ट नहीं किया गया है कि यदि एक MBBS छात्र NEXT में अनुतीर्ण हो जाता है तो आगे क्या होगा।
- दुर्गम और दूरस्थ क्षेत्रों में 3 साल सेवा देने वाले चिकित्सकों के लिये PG में 50% सीटों के आरक्षण का प्रावधान छात्रों को PG पाठ्यक्रमों के लिये विदेशों में पढ़ाई के लिये विवश कर सकता है।
इस प्रकार, विधेयक में NEXT के संरचना, प्रक्रिया आदि के संबंध में स्पष्टता लाकर एवं PG पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये छात्रों को NEXT परीक्षा कई बार देने की अनुमति प्रदान कर इस विधेयक को अधिक युक्ति संगत बनाया जा सकता है।
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