मंत्रिमंडल द्वारा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के प्रशिक्षण निदेशालय के लिये भारतीय कौशल विकास सेवा (Indian Skill Development Service : ISDS) के सृजन को मंजूरी दी गई। भारत के लिये इस सेवा की आवश्यकता एवं महत्त्व की विवेचना करें।
उत्तर :
वर्ष 2015 में मंत्रिमंडल द्वारा भारतीय कौशल विकास सेवा (ISDS) के सृजन को मंजूरी प्रदान की गई। हाल ही में इस सेवा की स्थापना के लिये कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह ग्रुप 'A' की सेवा होगी जिसे संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (IES) के माध्यम से भरा जाएगा। इस सेवा के अंतर्गत प्रशासकों के प्रशिक्षण का कार्य राष्ट्रीय कौशल विकास संस्थान द्वारा किया जाएगा।
भारत के लिये कौशल विकास सेवा की आवश्यकताः
- भारत विश्व में सबसे बड़ी युवा आबादी युक्त राष्ट्र है लेकिन यहाँ कुशल श्रमिकों की संख्या काफी कम है। भारत में कुशल श्रमिक कुल श्रमिकों का लगभग 3% हैं जबकि जापान, दक्षिण कोरिया जैसे देशों में यह आँकड़ा 90% के आस-पास है। अतः भारत को जनांकिकीय लाभांश (demographic dividend) का दोहन करने के लिये कौशल विकास की आवश्यकता है।
- भारत ने ‘स्किल इंडिया मिशन’ के तहत 2022 तक 500 मिलियन कुशल कार्यबल की स्थापना का लक्ष्य रखा है। इस सेवा की स्थापना से इसके अंतर्गत कुशल प्रशासकों का दल इस लक्ष्य को पूरा करने में सहयोग प्रदान करेगा।
- भारत में कौशल विकास का कार्य सामान्यतः निजी क्षेत्र द्वारा ही संचालित किया जा रहा है। ISDS की स्थापना से कौशल विकास के क्षेत्र में सरकारी भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
कौशल विकास सेवा का महत्त्वः
- यह सेवा युवा और प्रतिभावान प्रशासकों को कौशल विकास हेतु आकर्षित करने का प्रयास है। इस सेवा द्वारा प्रशिक्षित प्रशासक कौशल विकास में योगदान कर ‘स्किल इंडिया मिशन’ को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।
- यह सेवा कौशल विकास योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन में सहायक होगी। कुशल प्रशासकों का समर्पित कैडर कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की नौकरशाही को विशेषज्ञता प्रदान करेगा जिससे योजनाओं के बेहतर आयोजन एवं कार्यान्वयन को प्रोत्साहन मिलेगा।
- यह सेवा अन्य देशों की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्द्धी भारतीय मानव बल का निर्माण कर ‘डेमोग्राफिक डिवेडेंड’ का उचित दोहन करने का प्रयास करेगी।
भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को सफल बनाने एवं भारत को विनिर्माण हब बनाने के लिये कौशल विकास को प्रोत्साहन देना अनिवार्य है एवं इस सेवा का सृजन इस दिशा में एक सार्थक पहल है।