चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) एक तरफ जहाँ चीन और पाकिस्तान के हितों का पोषण करेगा, वहीं भारत के लिये एक गंभीर भू-राजनीतिक समस्या साबित होगा। आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिये।
12 Jun, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंधचीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीइसी) चीन की एक बहुत बड़ी वाणिज्यिक परियोजना है, जिसके अंतर्गत 3218 किलोमीटर लंबा एक आर्थिक गलियारा तैयार किया जा रहा है, जो पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिंझियांग प्रांत के काशगर शहर से राजमार्गों, रेलमार्ग और पाइपलाईनों से जोड़ेगा। इस गलियारे को 15 वर्षों के अंदर पूरी तरह से तैयार कर दिया जाएगा। इस गलियारे पर चीन 46 बिलियन डॉलर का निवेश इसे वर्ष 2020 तक क्रियाशील (Operational) करने के लिये करेगा। यह गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, बाल्तिस्तान और बलूचिस्तान से होते हुए गुजरेगा। भारत ने इस गलियारे के निर्माण को अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार अवैध माना है क्योंकि यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है, जिसे भारत अपना हिस्सा मानता है।
इस परियोजना से चीन के लाभ
पाकिस्तान को लाभ
भारत की चिंताएँ
यद्यपि पाकिस्तान का आर्थिक विकास भारत के हित में ही है क्योंकि एक समृद्ध, विकसित पाकिस्तान आतंकवादियों के लिये पनाहगार नहीं होगा। परंतु भारत द्वारा चीन की मंशाओं पर शक करना जायछा है क्योंकि चीन ने इस गलियारे को लेकर ‘क्षेत्रीय सहयोग’ को अनदेखा किया है।