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प्रश्न :
बालश्रम (निषेध व नियमन) संशोधन नियम, 2017 बच्चों के शोषण को रोकने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। चर्चा कीजिये।
13 Jun, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा 2 जून, 2017 को बाल श्रम (निषेध व नियमन) संशोधन नियम, 2017 को अधिसूचित किया गया। इसके प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं-
- बच्चे अब स्कूल के बाद केवल तीन घंटे की पारिवारिक उद्यमों में मदद कर सकेंगे।
- कोई भी बच्चा शाम के 7 बजे से सुबह के 8 बजे तक किसी पारिवारिक उद्यम में भी काम नहीं करेगा।
- इन नियमों में उन परिस्थितियों का भी निर्धारण किया गया है, जिनमें बच्चे अपने परिवार की सहायता करेंगे जैसे- परिवार की आर्थिक स्थिति, कार्य की प्रकृति इत्यादि।
- बच्चे या किशोरों को एक कलाकार के रूप में एक दिन में केवल 5 घंटे और बिना आराम के 3 घंटे तक काम करने की अनुमति है।
- किसी भी ऑडियो-विजुअल मीडिया निर्माता द्वारा या किसी वाणिज्यिक व्यवसाय, जिसमें बच्चे या किशोरों की भागीदारी हो, द्वारा हर छः महीने में जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी।
- किसी भी बच्चे या किशोर को उसकी सहमति के बिना किसी भी ऑडियो-विजुअल और स्पोर्ट्स जैसी गतिविधियों में भाग लेने के लिये नहीं कहा जाएगा।
विदित रहे कि पिछले साल जुलाई में पारित बाल श्रम (निषेध व नियमन) अधिनियम, 2016 के अनेक प्रावधानों मसलन खतरनाक व्यवसायों की संख्या घटा देना, बच्चों को पारिवारिक उद्यमों में काम करने से न रोका जाना आदि का कैलाश सत्यार्थी जैसे विभिन्न बाल अधिकार कार्यकर्त्ताओं, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन व यूनिसेफ जैसी संस्थाओं ने भी आलोचना की थी। नए संशोधनों द्वारा उस कानून को ज्यादा प्रगतिशील बनाने की कोशिश की गई है।
भारत के संविधान में मूल अधिकारों के अंतर्गत अनुच्छेद 24 में भी कारखानों, खानों और अन्य खतरनाक नौकरियों में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के रोजगार पर प्रतिबंध लगाता है। अतः बाल श्रम (निषेध व नियमन) संशोधन नियम, 2017 निश्चित तौर पर बाल-शोषण को रोकने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। इससे न केवल बच्चों का बचपन शोषण से मुक्त होगा बल्कि उनका शारीरिक व मानसिक विकास भी अच्छे से हो पायेगा।
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