हाल ही में स्थापित ‘रेलवे विकास प्राधिकरण’ (Railway Development Authority) की स्थापना के प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए इसके समक्ष आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा करें।
उत्तर :
सरकार ने एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से ‘रेलवे विकास प्राधिकरण’ (RDA) की स्थापना का अनुमोदन किया है। 50 करोड़ के आरंभिक कोष से प्रारंभ होने वाले इस प्राधिकरण में 1 अध्यक्ष एवं 3 सदस्य होंगे जिनमें से प्रत्येक का नियत कार्यकाल 5 वर्ष होगा। ‘खोज एवं चयन समिति’ द्वारा अनुशांसित नामों में से सरकार द्वारा अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी।
रेलवे विकास प्राधिकरण (RDA) की स्थापना के उद्देश्य
- रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की कीमत का निर्धारण लागतों के आधार पर कर किराया राजस्व में वृद्धि करना।
- रेलवे के गैर-किराया राजस्व में वृद्धि करना।
- सेवा की गुणवत्ता में वृद्धि कर एवं उन्हें लागत अनुकूल बनाकर उपभोक्तओं के हितों की रक्षा करना।
- रेलवे में प्रतियोगिता, दक्षता एवं मितव्ययता सुनिश्चित करना। दक्षता एवं प्रदर्शन में वृद्धि के लिये नई प्रौद्योगिकियों को अपनाना।
- बाजार विकास एवं निवेश के सकारात्मक वातावरण के सृजन के लिये परामर्श देना।
- सेवा मानको को अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के समकक्ष बनाना।
- मानव संसाधन विकास एवं कौशल विकास सुनिश्चित करना।
रेलवे विकास प्राधिकरण के समक्ष आने वाली चुनौतियाँ
- इस प्राधिकरण की स्थापना के लिये कोई वैधानिक उपबंध नहीं किया गया बल्कि यह केवल कार्यकारी आदेश द्वारा बनाया गया। यह इसकी वैधता को कम करता है तथा इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप की संभावनाएँ बढ़ती है।
- इसकी अनुशंसाएँ परामर्शकारी है न कि बाध्यकारी। इसकी अनुशंसाओं पर निर्णय लेने का अंतिम प्राधिकार रेल मंत्रालय के पास है अतः इसकी स्थापना प्रतीकात्मक प्रतीत होती है।
इस प्राधिकरण की स्थापना से रेलवे क्षेत्र के विकास को निश्चित रूप से गति मिलेगी, किंतु इसे अधिक कारगर बनाने के लिये इसे स्वतंत्र, स्वायत्त एवं वैधानिक निकाय बनाया जाना आवश्यक है।