"भारतीय संघवाद की वर्तमान प्रवृत्ति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि देश में सफल प्रतिस्पर्धी संघवाद (Competitive Federalism) के लक्षण दिखाई देने लगे हैं।" भारत में प्रतिस्पर्धी संघवाद के मामले में हुई प्रगति को देखते हुए उदाहरणों द्वारा इस कथन की पुष्टि करें।
27 Jun, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाप्रतिस्पर्धी संघवाद एक ऐसी संकल्पना है जहाँ केंद्र राज्यों से, राज्य केंद्र से तथा राज्य आपस में भारत के विकास के लिये किये गए संयुक्त प्रयासों में प्रतिस्पर्धा करते हैं। इसमें संपूर्ण देश के लिये समरूप नीति बनाने के स्थान पर विभिन्न राज्यों की प्राथमिकताओं के आधार पर भिन्न-भिन्न नीतियाँ अपनाई जाती हैं। अर्थात यह अवधारणा बॉटम-अप अप्रोच पर टिकी है।
भारत में प्रतिस्पर्धी संघवाद
इस प्रकार अनेक राज्यों ने भारत में प्रतिस्पर्धी संघवाद को सफल बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रयास किये हैं, लेकिन कुछ राज्य अपनी परंपरागत भौगोलिक-आर्थिक-सामाजिक परिस्थितियों एवं राजनीतिक बाधाओं के कारण प्रतिस्पर्धी संघवाद के प्रयासों में भागीदार नहीं हो पाए। पूर्वी भारत और पूर्वोतर भारत के राज्यों को इसके लिये विशेष अनुदान देने की आवश्यकता है, ताकि ये राज्य भी अन्य राज्यों से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा कर भारत के विकास में योगदान दे सकें।