"भारत से प्रतिभा पलायन (Brain drain from India) एक तरफ तो भारत के लिये लाभदायक सिद्ध हुआ तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में कुशल भारतीयों के विदेश पलायन से चिंताएँ भी बढ़ी हैं।" इस कथन की व्याख्या करते हुए भारत सरकार के उन प्रयासों का उल्लेख करें जो प्रवासियों में भारत के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास करने के लिये किये गए हैं।
उत्तर :
प्रतिभा पलायन (Brain drain) का भारत के लिये दोहरा प्रभाव रहा है। एक तरफ प्रतिभा पलायन से भारत को अनेक आर्थिक-सांस्कृतिक फायदे मिले हैं तो दूसरी तरफ कुशल और प्रशिक्षित भारतीयों के विदेश पलायन में प्रतिभा पलायन को लेकर चिंताएँ भी बढ़ी हैं।
प्रतिभा पलायन से भारत को लाभः
- विश्व भर में रह रहे प्रवासी भारतीय समुदाय की तरफ से भारत को लगभग 70 अरब डॉलर रेमिटेंस प्राप्त होती है। रेमिटेंस प्राप्ति के मामले में भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है। यह रेमिटेंस भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 3.5% है।
- पिछले कुछ दशकों में प्रवासी भारतीय समुदाय ने पूरी दुनिया में सफलता का परचम लहराया है। इससे विश्व भर में भारत की छवि मजबूत हुई है।
- अनेक प्रवासी भारतीयों ने स्वदेश लौटकर घरेलू स्टार्ट-अप एवं शोध एवं विकास से जुड़े कामों में सहायता प्रदान कर रहे हैं।
प्रतिभा पलायन से संबंधित चिंताएँः
- भारत से कुशल और प्रशिक्षित व्यक्ति विदेश पलायन कर जाते हैं जिससे भारत में उच्चस्तरीय प्रतिभाओं की कमी हो जाती है। भारत से डॉक्टर व्यापक रूप से विदेशों में पलायन कर रहे हैं जबकि भारत में डॉक्टरों की संख्या का जनसंख्या से अनुपात काफी कम है। विशेषकर भारत के गाँव डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं जिससे भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में अपेक्षित सुधार नहीं हो पा रहा है।
- बायो-टेक्नोलोजी और बायो-इंजीनियरिंग में प्रशिक्षित अधिकांश पेशेवर अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद विदेश चले जाते हैं, जिससे भारतीय प्रयोगशालाओं और शोधकेंद्रों को अच्छी गुणवत्ता के शोधकर्त्ता नहीं मिल पाते।
भारत सरकार के प्रयासः
- प्रवासी भारतीय दिवस- इसका उपयोग प्रवासी भारतीयों के मध्य विकास का प्रदर्शन करने के लिये मंच के रूप में किया जाता है ताकि वे भारत में निवेश के लिये प्रोत्साहित हो सकें। युवा प्रवासी दिवस के माध्यम से भारत सरकार युवा पीढ़ी के प्रवासियों से जुड़ने का प्रयास कर रही है।
- PIO और OCI कार्डों का विलय कर दिया गया ताकि प्रवासी भारतीयों एवं भारतीय मूल के लोगों की भारत आवाजाही में बाधा न आए।
- प्रवासी भारतीय केंद्र- इस केंद्र की स्थापना नई दिल्ली में की गई है। भारत में आने वाले प्रवासी भारतीय इस केंद्र में ठहर सकते हैं।
- वज्र योजना (VAJRA :Visiting advanced Joint research faculty scheme)- इसके माध्यम से प्रवासी भारतीय का देश में विज्ञान -प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष के क्षेत्र में योगदान लिया जाएगा। यह योजना प्रवासी वैज्ञानिकों, R & D पेशेवरों आदि के लिये है।
- नॉ इंडिया प्रोग्राम (Know India Programme)- इस अभियान का उद्देश्य 18 से 30 साल के प्रवासी भारतीय युवाओं को भारत की संस्कृति, दर्शन, इतिहास आदि से परिचित कराने के लिये भारत भ्रमण का मौका देना है।
ऐसे समय में जब अमेरिका, इंग्लैंड सहित अनेक पश्चिमी देशों में वीजा नीतियाँ कठोर की जा रही हैं, भारत सरकार के उपर्युक्त प्रयासों के माध्यम से प्रवासी भारतीयों के मन में भारत के प्रति सकारात्मक विचार उत्पन्न किये जा सकते हैं। इस प्रकार प्रवासी भारतीयों का भारत में निवेश, शोध एवं विकास के क्षेत्र को बढ़ावा देने में सहयोग लिया जा सकता है।