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प्रश्न :
भारतीय तमिल मछुआरों को मछली पकड़ने के दौरान अक्सर श्रीलंकाई नौसेना की प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है। दोनों देशों के मध्य ऐसे मुद्दों के समाधान के लिये विकसित किये गए संस्थागत तंत्र का उल्लेख करते हुए संधारणीय मत्स्यन और वैकल्पिक आजीविका के लिये उपाय सुझाएँ।
14 Jul, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
पाक की खाड़ी तथा कच्चातिवू द्वीप समूह के निकट मछली पकड़ने वाले भारतीय मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार करना, उनकी नाव जब्त कर लेना अथवा कई बार उनकी हत्या कर देना जैसी घटनाएँ होती रहती है। श्रीलंका द्वारा यह आरोप लगाया जाता है कि भारतीय मछुआरे श्रीलंकाई जलीय क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं जिससे एक तरफ श्रीलंकाई मछुआरों की आजीविका का संकट उत्पन्न हो रहा है तो दूसरी तरफ भारतीय यंत्रचालित जहाजों एवं ट्रॉलर्स के कारण पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान हो रहा है।
ऐसे मुद्दों से निपटने के लिये दोनों देशों के बीच निम्नलिखित संस्थागत तंत्र विकसित किया गया है-
- दोनों देशों ने एक संयुक्त कार्य समूह (Joint Working Group) की स्थापना पर सहमति जताई जो दोनों देशों के मछुआरों एवं मत्स्यन से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिये सहयोग करेगा।
- भारतीय तट रक्षक बल और श्रीलंका के बीच एक हॉटलाइन सर्विस स्थापित की गई है।
- दोनों देशों के मत्स्यन मंत्रियों की प्रत्येक 6 माह में बैठक का प्रावधान किया गया है।
संधारणीय मत्स्यन और वैकल्पिक आजीविका के लिये सुझाव-
- भारतीय मछुआरों की मछली पकड़ने के लिये पाक की खाड़ी पर निर्भरता कम करने के लिये सरकार को एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करनी चाहिये।
- भारत सरकार द्वारा भारतीय जल में मत्स्य को संस्थागत करने की आवश्यकता है ताकि मत्स्यन के साथ-साथ आजीविका के अन्य विकल्प प्रदान किये जा सकें।
- भारत सरकार एवं तमिलनाडु सरकार को अंतर्देशीय मत्स्यन को बढ़ावा देना चाहिये ताकि मछुआरों की समुद्र पर निर्भरता कम हो एवं धारणीय मत्स्यन को बढ़ावा मिल सके।
निष्कर्षतः भारतीय मछुआरों को आजीविका के वैकल्पिक स्रोत प्रदान कर के ही इस समस्या की गंभीरता को कम किया जा सकता है। तथा अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अतिक्रमण रोकने के लिये भारतीय नौसेना अथवा तटरक्षक बल को श्रीलंका की नौसेना के साथ संयुक्त रूप से गश्ती और निगरानी गतिविधियों में शामिल होना चाहिये।
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