सरकार द्वारा मंजूरी प्राप्त उच्च शिक्षा वित्तीयन एजेंसी (Higher Education Finance Agency: HEFA) के बारे में विस्तार से उल्लेख करते हुए उच्च शिक्षा में सुधार के लिये इसके महत्त्व पर प्रकाश डालें।
उत्तर :
केंद्रीय मंत्री मंत्रिमंडल ने देश के शीर्ष शैक्षिक संस्थानों में उच्च गुणवत्ता वाली अवसंरचना के निर्माण के लिये उच्च शिक्षा वित्तीयन एजेंसी (HEFA) के गठन को मंजूरी प्रदान की है। इसे चिह्नित प्रमोटरों तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जाएगा। HEFA के बारे में प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं-
- इसे एक सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक अथवा सरकारी स्वामित्व वाली गैर बैंकिंग वित्तीय एजेंसी (NBFC) के अंतर्गत एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) के रूप में गठित किया जाएगा।
- यह इक्विटी के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपए का कोष जुटाएगा, जिससे IIT/IIM/NIT तथा इसी तरह के अन्य शीर्ष शिक्षण संस्थानों में विश्व स्तरीय प्रयोगशालाओं और आधारभूत ढाँचे के विकास संबंधी परियोजनाओं का वित्तपोषण किया जाएगा।
- यह सार्वजनिक उपक्रमों तथा कॉर्पोरेट क्षेत्र से कॉर्पोरेट शोसल रेस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के माध्यम से धन जुटाएगा, जिसका प्रयोग अनुदान के रूप में इन संस्थानों में नवाचार को बढ़ावा देने में किया जाएगा।
- इन संस्थानों को दिये गए ऋण का मूलधन संस्थानों के आंतरिक स्रोतों के माध्यम से चुकाया जाएगा, लेकिन ब्याज सरकार द्वारा नियमित योजनागत सहायता के माध्यम से अदा किया जाएगा।
महत्त्व
- HEFA उच्च शिक्षण संस्थानों के वित्तपोषण को बाज़ार से संबद्ध कर इनकी अवसंरचना के विकास की गति को तीव्र करेगा।
- यह एजेंसी सरकार पर पड़ रहे वित्तीय दबाव को कम करेगी, क्योंकि वर्त्तमान में ऐसे संस्थानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का कार्य सरकार ही करती है।
- HEFA द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों में जवाबदेहिता को बढ़ावा मिलेगा, चूँकि संस्थानों को ऋण का भुगतान आंतरिक स्रोतों से करना होगा अतः वे बेहतर शिक्षण एवं गुणवत्ता में सुधार का प्रयास करेंगे।
यद्यपि यहाँ एक चिंता का कारण भी दिखाई देता है। चूँकि संस्थानों को ॠण का भुगतान आंतरिक स्रोतों से करना होगा, इसलिये उनमें शुल्क वृद्धि की संभावनाएँ हैं। यह कमज़ोर आर्थिक ऋण पृष्ठभूमि वाले छात्रों को इन संस्थानों में प्रवेश से वंचित कर सकता है। इसलिये सरकार को इन छात्रों की चिंताओं का विशेष ध्यान रखना होगा।