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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    “मलेरिया उन्मूलन के लिये राष्ट्रीय रणनीति योजना (2017-2022)” भारत में मलेरिया से निपटने में किस प्रकार सहायक सिद्ध होगी ? यह मलेरिया संबंधित पूर्व नीतियों से किस प्रकार भिन्न है ?

    02 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    विश्व मलेरिया रिपोर्ट -2016 के अनुसार दक्षिण–पूर्व एशियाई क्षेत्र में मलेरिया के कुल मामलों का 89% भाग भारत का है । भारतीय परिप्रेक्ष्य में यह आँकड़ा गंभीर इसलिये है क्योंकि भारत के दो पड़ोसी देश मालदीव (2015 में) तथा श्रीलंका (2016 में) विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मलेरिया मुक्त घोषित कर दिये गए हैं । 

    • भारत में मलेरिया मुख्यतः दो परजीवियों प्लाज्मोडियम फेल्सीपेरम (pf) तथा प्लाज्मोडियम विवेक्स (pv) द्वारा जनित होता है । pf-परजीवी मुख्यतः वन क्षेत्रों में तथा pv-परजीवी मैदानी क्षेत्रों में सक्रिय है ।  भारत में मलेरिया के अधिकतर मामले ओड़िसा, छत्तीसगढ़ ,झारखण्ड,मध्य प्रदेश तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों त्रिपुरा, मिजोरम व मेघालय में दर्ज होते हैं । 
    • भारत को मलेरिया मुक्त बनाने के लिये हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा “मलेरिया उन्मूलन के लिये राष्ट्रीय रणनीति योजना (2017-2022)” का मसविदा जारी  किया गया ।
    • इसके अंतर्गत देश को चार श्रेणियों (0 से 3 तक) में विभाजित किया गया है । श्रेणी-0 में वे ज़िले हैं, जिनमें पिछले तीन वर्षों से मलेरिया का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है । इस प्रकार श्रेणी -1, 2 व 3 में क्रमशः मलेरिया के मामलों की बढ़ती संख्या के अनुसार ज़िलों को रखा गया है । श्रेणी -1 तथा श्रेणी -2 में आने वाले ज़िलों को 2022 तक मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है । यह योजना सम्पूर्ण भारत को 2030 तक मलेरिया मुक्त बनाने के लक्ष्य पर केन्द्रित है ।
    • इस योजना की अन्य विशेषताओं में मलेरिया की निगरानी, शीघ्र पहचान प्रक्रिया की स्थापना और मलेरिया को फैलने से रोकने के लिये दीर्घकालीन प्रयोग होने वाली मच्छरदानी (Long Lasting Insecticidal Nets-LLIN) को प्रोत्साहन देना इत्यादि सम्मिलित है ।

    यह रणनीति इसके पूर्व की नीतियों से इस दृष्टि में भिन्न है कि यह सम्पूर्ण देश में “मलेरिया उन्मूलन” हेतु प्रथम प्रयास है , अन्यथा अब तक मलेरिया को “राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम” के अंतर्गत केवल “नियंत्रित” करने का प्रयास किया गया था । वर्तमान योजना सभी राज्यों के संबंधित अधिकारियों हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करती है । यदि  राजनीतिक तथा प्रशासनिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन हो तो भारत को मलेरिया मुक्त देश बनाया जा सकता है ।

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