हाल ही के डोकलाम संकट के सन्दर्भ में , क्या भूटान को “भारत द्वारा संरक्षित राज्य” कहा जा सकता है ? भूटान की अर्थव्यवस्था तथा सुरक्षा के लिये भारत कितना महत्त्वपूर्ण है ? चर्चा करें।
03 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंधभारत-भूटान के द्विपक्षीय संबंधों का मूलभूत आधार सन् 1949 की मित्रता और सहयोग संधि है, जिसके अंतर्गत भारत, भूटान के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देता है। इस संधि के अनुसार भूटान, बाहरी संबंधों के मामले में भारत सरकार की सलाह से निर्देशित होने के लिये सहमति प्रदान करता है। भूटान आर्थिक, राजनीतिक तथा सुरक्षा संबंधी मामलों में भारत का महत्त्वपूर्ण भागीदार है।
भूटान के लिये भारत का महत्त्व निम्नलिखित बिन्दुओं के माध्यम से समझा जा सकता है :-
सुरक्षा की दृष्टि से :-
1. भारत, भूटान की ‘रॉयल भूटान आर्मी” को प्रशिक्षण के साथ-साथ उसकी संप्रभुता की रक्षा के लिये आवश्यक सैन्य-सामग्री भी प्रदान करता है।
2. चुम्बी घाटी तथा डोकलाम संकट जैसे मुद्दों पर भूटान को बाहरी हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है, जिसमें भारत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3. भारत, संयुक्त राष्ट्र संघ में भूटान के हितों का समर्थन करता है।
आर्थिक दृष्टि से :-
1. भूटान के आयात और निर्यात का सबसे बड़ा भागीदार भारत है। भारत, भूटान से जल विद्युत, अल्कोहलिक पेय, इलायची,फल-उत्पाद इत्यादि का आयात तथा भूटान को पेट्रोलियम,ऑटोमोबाइल आदि का निर्यात करता है।
2. भूटान एक भू-आबद्ध देश है, इसलिये वह अपने क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिये भारत के बंदरगाहों तथा अन्य मार्गों पर निर्भर है ।
3. भारत, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) तथा विश्व बैंक जैसी संस्थाओं में भूटान का प्रतिनिधित्व करता है ।
भूटान की अर्थव्यवस्था तथा सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की सक्रिय उपस्थिति के कारण ऐसा प्रतीत होता है कि भूटान “भारत द्वारा संरक्षित राज्य” है, परन्तु कुछ मुद्दों पर भूटान, भारत के मत के विरुद्ध अपना पक्ष रख चुका है। वास्तव में एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में भूटान की एक स्वतंत्र विदेश नीति है ।