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प्रश्न :
क्या कारण है कि बुजुर्गों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली पूर्ववर्ती विभिन्न पेंशन योजनाएँ वांछित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकीं? इस क्षेत्र में किये गए नए प्रयास कौन-से हैं?
07 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 सामाजिक न्यायउत्तर :
भारत में बुजुर्गों की सामाजिक सुरक्षा, विभिन्न आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक बदलावों के कारण आज एक गंभीर समस्या बन गई है। विभिन्न सरकारों ने विविध प्रयासों द्वारा इस समस्या को सुलझाने का प्रयत्न किया। कुछ पेंशन योजनाएँ उन प्रयासों में से एक हैं, जैसे- इंदिरा गांधी बुज़ुर्ग आय पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना आदि। जिन कारणों से ये योजनाएँ वांछित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकीं, वे निम्नलिखित हैं :-
- अशिक्षित, गरीब बुजुर्गों द्वारा अपनी पात्रता स्थिति को साबित करने के लिये पहचान पत्र, आयु प्रमाण पत्र, बी.पी.एल. प्रमाण पत्र, पंचायत सदस्यों द्वारा लिखित सिफारिश पत्र इत्यादि उपलब्ध कराने में कठिनाई सामने आना, जिसके कारण रिश्वत, बिचौलिये, भ्रष्टाचार आदि की स्थिति पैदा होती है।
- बी.पी.एल. सूची की सटीकता, धोखाधड़ी और फर्ज़ी मामलों के संबंध में समस्याएँ।
- पेंशन मिलने में लगने वाला लंबा समय।
- अपर्याप्त पेंशन राशि।
- योग्य लाभार्थियों की पहचान करने में असफल होने के कारण राज्यों को आवंटित धनराशि का उपयोग न हो पाना।
इस क्षेत्र में किये गए नए प्रयास इस प्रकार हैं:-
- अटल पेंशन योजना- यह योजना असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को मासिक एक हज़ार रुपए से पाँच हज़ार रुपए तक की पेंशन सुनिश्चित करती है।
- इसके अतिरिक्त एक यूनिवर्सल पेंशन की मांग भी उठी है, जिसकी रूपरेखा पर विचार किया जा रहा है। इसमें 55 वर्ष से अधिक आयु के सभी पुरुषों व 50 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को 2000 रुपए प्रतिमाह की पेंशन या न्यूनतम मज़दूरी का 50%, जो भी ज़्यादा हो, देने की मांग की गई है।
अंततः यह ध्यान देने की ज़रूरत है कि किसी भी योजना में, जहाँ धन शामिल है, यदि वहाँ सही जाँच तंत्र न हो, तो भ्रष्टाचार व संसाधनों की बर्बादी होना निश्चित है।
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