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प्रश्न :
"स्पॉइल्स सिस्टम (Spoils System)", जो हाल ही में काफी चर्चा में रहा था, क्या है? यह प्रशासनिक दक्षता को कैसे प्रभावित करता है? स्पॉइल्स सिस्टम से बचने के लिये प्रशासनिक भर्ती में कौन-से सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिये?
10 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
किसी विजयी राजनीतिक दल द्वारा अपने कार्यकर्त्ताओं और समर्थकों को सरकारी पदों पर नियुक्त करके या अन्य प्रकार से पक्ष लेकर प्रतिफल प्रदान करना “स्पॉइल्स सिस्टम” कहलाता है। इसे “संरक्षणवादी प्रणाली” भी कहा जाता है। हाल ही में तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा तमिलनाडु लोक सेवा आयोग में की गई नियुक्तियों को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है, जिन पर मद्रास उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है।
स्पॉइल्स सिस्टम प्रशासनिक नियुक्तियों में हितों का संघर्ष पैदा करता है। इससे प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेहिता कमज़ोर हो जाती है। यह योग्यता आधारित प्रणाली न होकर विचारधारा, भाई-भतीजावाद पर आधारित प्रणाली होने के कारण प्रशासनिक दक्षता को नुकसान पहुँचाती है। इस प्रणाली से प्रशासन की कार्यप्रणाली में राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ता है तथा प्रशासकों में राजनीतिक तटस्थता का मूल्य कमज़ोर होता है। “रामशंकर रघुवंशी बनाम मध्य प्रदेश राज्य मामले (1936)” में सर्वोच्च न्यायालय ने पाया कि राजनीतिक निष्ठा के आधार पर नियुक्ति संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है।
“ स्पॉइल्स सिस्टम” की रोकथाम के लिये प्रशासनिक भर्ती में निम्नलिखित सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिये-- सभी सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिये सुपरिभाषित मानक तय किये जाएँ, जिनका आधार गुणवत्ता हो।
- सरकारी पदों पर भर्ती के लिये योग्यता आधारित खुली प्रतियोगिता को आधार बनाया जाए। मुख्य रूप से लिखित परीक्षा अथवा बोर्ड या विश्वविद्यालय परीक्षा को चयन का आधार बनाया जाए।
- संस्थानों एवं प्रशासन की गुणवत्ता में सुधार के लिये नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी, राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त तथा निर्धारित मानकों के अनुरूप होनी चाहिये। इससे प्रशासनिक दक्षता, नैतिकता और कार्यकुशलता में वृद्धि होगी एवं प्रशासन राजनेताओं के हित साधने का हथियार न बनकर जनहित में कार्य करने वाला उपकरण बन सकेगा।
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