लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भारत की पुलिस व्यवस्था में एक बड़े सुधार की आवश्यकता क्यों है ? इसके लिये उठाए जा सकने वाले कदमों पर चर्चा करें।

    11 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    भारतीय संविधान के अंतर्गत पुलिस तथा कानून-व्यवस्था राज्य के अंतर्गत आने वाला विषय है। पुलिस बल का प्राथमिक कार्य कानून-व्यवस्था बनाए रखना, अपराधों की जाँच करना तथा लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। पिछले कुछ समय से पुलिस-तंत्र में विविध प्रकार के सुधारों की मांग की जा रही है। इसके पीछे निम्नलिखित कारण हैं:-

    • देश में पुलिस बल कई प्रकार की अवसंरचनात्मक कमियों से जूझ रहे हैं, जैसे- कार्यबल में कमी,फॉरेंसिक जाँच व प्रशिक्षण की निम्न गुणवत्ता, अत्याधुनिक हथियारों की कमी, वाहनों व संचार साधनों की कमी इत्यादि पुलिस की कार्यशैली को प्रभावित करते हैं। 
    • पुलिस भर्ती के नियमों में पारदर्शिता की कमी के कारण इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता है। पदोन्नति तथा कार्य के घंटों को लेकर भी कार्मिक समस्या बनी हुई है।
    • पुलिस की छवि आज एक भ्रष्ट और गैर-ज़िम्मेदार विभाग की बन चुकी है। यह प्रवृत्ति देश की कानून-व्यवस्था के लिये खतरनाक है।
    • लोगों में यह आम धारणा बन गई है कि पुलिस प्रशासन सत्ता पक्ष द्वारा नियंत्रित होता है। आम जनता के प्रति पुलिस की जवाबदेही संदिग्ध हो गई है।
    • हाल ही के कई मामलों में पुलिस की संवेदनहीनता और क्रूरता भी सामने आई है । 

    देश में पुलिस-सुधार के प्रयासों की भी एक लंबी श्रृंखला है, जिसमें विधि आयोग, मलिमथ समिति, पद्मनाभैया समिति, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, सोली सोराबजी समिति तथा सबसे महत्त्वपूर्ण प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ-2006 मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गए निर्देशों में पुलिस-सुधारों हेतु कई सिफारिशें हैं, परंतु अब तक इन पर न तो केंद्र सरकार ने और न ही राज्य सरकारों ने कोई उल्लेखनीय कार्यवाही की है। इन आयोगों,समितियों तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा निम्नलिखित सुझाव दिये गए थे:-

    • एक “स्टेट सिक्योरिटी कमीशन” का गठन हो, जिसका दायित्व, पुलिस को बाहरी दबाव से मुक्त रखना होगा।
    • एक “पुलिस स्टेब्लिशमेंट बोर्ड” का भी गठन हो, जिससे कार्मिक मामलों में पुलिस को स्वायत्तता प्राप्त हो।
    • एक “पुलिस शिकायत प्रकोष्ठ” का गठन हो, जो पुलिस के विरुद्ध गंभीर शिकायतों की जाँच कर सके।
    • डी.जी.पी. का कार्यकाल 2 साल सुनिश्चित करने के अलावा आई. जी. व अन्य पुलिस अधिकारियों का कार्यकाल भी सुनिश्चित किया जाए।
    • राज्यों में पुलिस बल की संख्या बढ़ाने तथा पुलिस में महिला-कर्मियों की संख्या में भी वृद्धि की जाए।
    • पुलिस की कार्यशैली को अत्याधुनिक बनाने के लिये उसे आधुनिक हथियारों और उन्नत फॉरेंसिक जाँच तंत्र उपलब्ध करवाना होगा।
    • ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाए गए सन् 1861 के पुलिस एक्ट को समाप्त करके सोली सोराबजी समिति द्वारा प्रारूपित 2006 के एक्ट को लागू किया जाए।

    वर्तमान प्रधानमंत्री के अनुसार भारतीय पुलिस को SMART अर्थात् संवेदनशील(SENSITIVE), आधुनिक(MODERN), सतर्क व जिम्मेदार(ALERT and ACCOUNTABLE), विश्वसनीय (RELIABLE) तथा तकनीकी क्षमता युक्त एवं प्रशिक्षित (TECHNO-SAVY and TRAINED) बनना होगा। यदि पुलिस उपर्युक्त विशेषताओं से युक्त हो जाती है तो यह निश्चित ही समाज के सम्मुख एक आदर्श उदहारण प्रस्तुत करेगी।  

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2