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प्रश्न :
संविधान के अनुच्छेद 35 A के क्या प्रावधान हैं? इसकी संवैधानिकता, विवाद का विषय क्यों बन गई है ?
12 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
14 मई,1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद द्वारा एक आदेश पारित करके संविधान में एक नया अनुच्छेद 35 A जोड़ दिया गया। इसे संविधान के मूल भाग में नहीं, बल्कि परिशिष्ट (Appendix) में शामिल किया गया है।
अनुच्छेद 35A की विशेषताएँ-
- अनुच्छेद 35 A, जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को यह अधिकार देता है कि वह राज्य के “स्थायी नागरिक” की परिभाषा तय कर सके।
- अनुच्छेद 35 A, जम्मू-कश्मीर के लिये विशेष उपबंध करने वाले अनुच्छेद 370 के भाग के रूप में जोड़ा गया है।
- जम्मू-कश्मीर राज्य के संविधान के मुताबिक, स्थायी नागरिक वह व्यक्ति है, जो 14 मई, 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या उससे पहले के दस सालों से राज्य में रह रहा हो, और उसने वहाँ संपत्ति हासिल की हो।
- इसके अंतर्गत कोई भी दूसरा नागरिक, जम्मू-कश्मीर में न तो संपत्ति खरीद सकता है और न ही वहाँ का स्थायी नागरिक बन सकता है।
वर्तमान में इस अनुच्छेद को असंवैधानिक घोषित किये जाने की मांग की जा रही है। इसे निरसित किये जाने के समर्थन में दिये जाने वाले तर्क निम्नलिखित हैं-
- देश के विभाजन के समय पश्चिमी पाकिस्तान से बड़ी संख्या में शरणार्थी जम्मू-कश्मीर में आए। इनमें वाल्मीकि, गोरखा आदि समुदायों के लाखों लोग थे। वहाँ निवासरत इन समुदायों की चौथी पीढ़ी को भी स्थायी नागरिक अधिकार प्राप्त नहीं हो पाए हैं।
- शरणार्थियों में लगभग 85% पिछड़े और दलित समुदाय से हैं,जो मूल नागरिक अधिकारों से अब तक वंचित हैं।
- कई वर्षों से जम्मू-कश्मीर में रह रहे गैर-स्थायी नागरिक लोकसभा चुनावों में तो वोट दे सकते हैं, परंतु जम्मू-कश्मीर के स्थानीय निकायों के चुनावों में वोट नहीं दे सकते।
- इस संवैधानिक प्रावधान के कारण इन गैर-स्थायी नागरिको के बच्चों को वहाँ के सरकारी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और वज़ीफे का अधिकार प्राप्त नहीं है।
- एक अन्य तर्क के अनुसार, संविधान में नया अनुच्छेद जोड़ देना सीधे-सीधे संविधान को संशोधित करना है। यह अधिकार सिर्फ भारतीय संसद को प्राप्त है। इसलिये 1954 का राष्ट्रपति का यह आदेश असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिये।
निश्चित तौर पर यह जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 द्वारा प्राप्त विशेषाधिकारों और वहाँ निवासरत लाखों गैर-स्थायी नागरिको के मानवाधिकारों के बीच टकराव का मुद्दा है। उच्चतम न्यायालय के अनुसार अनुच्छेद 35 A पर व्यापक चर्चा की आवश्यकता है।
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