- फ़िल्टर करें :
- राजव्यवस्था
- अंतर्राष्ट्रीय संबंध
- सामाजिक न्याय
-
प्रश्न :
भारत में कुछ समय से चीन से होने वाले आयात पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की जा रही है। इसके पक्ष और विपक्ष में तर्क प्रस्तुत करें।
19 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंधउत्तर :
वर्तमान में भारत-चीन के बीच लगभग 70 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार जारी है। भारत चीन से खिलौने, वाहनों के कलपुर्ज़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, एंटीबायोटिक दवाएँ, दूरसंचार व ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विनिर्माण के उत्पादों इत्यादि का आयात करता है, जबकि चीन भारत से हस्तशिल्प,कृषि उत्पाद, सूती वस्त्र,कच्चा लेड, लौह अयस्क, कॉपर इत्यादि पूंजीगत वस्तुओं का आयात करता है। इस द्विपक्षीय व्यापार में भारत का व्यापार घाटा लगभग 48 अरब डॉलर का है। राजनयिक,सीमावर्ती और क्षेत्रीय मसलों पर मतभेदों के कारण पिछले कुछ समय से भारत में चीनी सामान पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है। इसके पक्ष और विपक्ष दोनों ही में पर्याप्त तर्क हैं।
आयात पर प्रतिबंध के पक्ष में तर्क-
- भारत का बाज़ार आज चीनी वस्तुओं से भरा पड़ा है। भारतीय त्यौहारों से लेकर रोज़मर्रा की ज़रूरतों के सामान पर आज चीन की मोहर लगी हुई है। ऐसे में भारत के स्वदेशी उत्पादन को आघात पहुँचता है।
- चीन के साथ व्यापार में भारत को बहुत बड़ा व्यापार घाटा होता है, इस प्रवृत्ति के व्यापार को बंद कर दिया जाना चाहिये।
- उत्तर-पूर्व के कुछ क्षेत्र और सियाचिन को लेकर भारत की चीन के साथ पुरानी प्रतिद्वंद्विता है। इसको लेकर हमेशा से ही चीन की आक्रामक नीति रही है।
- चीन, भारत के चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान का खुला समर्थन करता है। इससे भारत की आतंकवाद और दहशतगर्दी के विरुद्ध लड़ाई कमज़ोर होती है।
- चीन भारत के हितों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बाधित करता आया है। हालिया मामला नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में भारत के प्रवेश को लेकर चीन का वीटो करना है।
आयात पर प्रतिबंध के विपक्ष में तर्क –
- WTO सदस्य के रूप में भारत किसी अन्य सदस्य देश से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा सकता, फिर चाहे उस देश के साथ हमारे राजनयिक, क्षेत्रीय या सैन्य मतभेद क्यों न हो। पर्यावरण और गुणवत्ता मानकों में कमी के आधार पर उत्पाद विशेष पर प्रतिबंध ही संभव है।
- भारत के दूरसंचार और ऊर्जा जैसे तेज़ी से विकसित हो रहे क्षेत्रों में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये भारत को हर समय विनिर्मित उत्पादों की आवश्यकता होती है, जिसे चीन ही पूरा करता है।
- चीन द्वारा पाकिस्तान को समर्थन देने के विपक्ष में तर्क ये है कि भारत भी चीन के प्रतिद्वंद्वी जापान, कंबोडिया, वियतनाम का समर्थन करता रहा है, ऐसे में चीन को भी भारत से आयात बंद कर देना चाहिये था।
- बहुस्तरीय मतभेदों की स्थिति में विश्वास-बहाली के प्रयासों में द्विपक्षीय व्यापार एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है। यह युद्ध जैसी स्थितियों को टालने में सहयोग देता है।
चीन के कुछ उत्पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाकर उनके आयात को हतोत्साहित किया जा सकता है, जैसे- स्टील व रसायन पर यह शुल्क लगाया गया है। चीन से आयात कम करने के लिये भारत को कई क्षेत्रों में स्वदेशी उत्पादन बढ़ाना होगा, विशेषतः उन क्षेत्रों में जिनके लिये चीन पर हमारी निर्भरता बहुत ज़्यादा है,परंतु वर्तमान में भारत के पास चीन से होने वाले आयात पर पूर्ण प्रतिबंध जैसा विकल्प नहीं है।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print