सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खुली जेलों तथा कैदियों के साथ बेहतर मानवीय व्यवहार के प्रतिपादन के लिये जारी दिशा-निर्देशों को बताएँ। कारगार-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिये आप किस रणनीति को अपनाएंगे?
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का उल्लेख करें।
- जेलों में विद्यमान समस्याओं को बताएँ।
- कारागार प्रशासन को सुदृढ़ करने करने के लिये सुझाव प्रस्तुत करें।
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संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत कारागार-प्रशासन राज्य सूची का विषय है। जेल में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाएँ एवं जेलों में व्याप्त अमानवीय परिस्थितियों के मद्देनज़र लंबित जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने जेलों में कैदियों को बेहतर मानवीय वातावरण सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से कुछ दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जो निम्नलिखित हैं-
- कैदियों को उनके परिवार के साथ मिलने की अवधि और आवृत्ति को बढ़ाने के लिये सरकार को विचार करने को कहा है, ताकि कैदी अपने आप को परिवार से कटा हुआ महसूस न करे।
- कैदियों को समाचार पत्र एवं पत्रिकाएँ पढ़ने की छूट देना।
- कैदियों के लिये सलाहकारों और सहयोगी व्यक्तियों की नियुक्ति करना, विशेषकर वैसे कैदियों के लिये जो पहली बार जेल गए हैं।
- जेल के कर्मचारियों में संवेदनशीलता बढ़ाने हेतु जागरूकता अभियान या कार्यशालाओं का आयोजन करना।
भारत में कारगार प्रबंधन की स्थिति काफी दयनीय है। यहाँ संरचनात्मक समस्याओं के साथ-साथ भष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघन जैसे मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर गंभीरता पूर्वक विचार कर उन्हें कार्यान्वित कर कारागार-प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त किया जा सकता है। इसके लिये निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं-
- संरचनात्मक समस्याओं के अंतर्गत जेलों में अत्यधिक भीड़, जेलों में कर्मचारियों की कम संख्या और धन की अपर्याप्तता जैसे मुद्दे हैं, जिन्हें राज्य सरकार को अवगत करा कर दूर किया जा सकता है।
- अक्सर यह देखा गया है कि राजनीतिक पहुँच रखने वाले कैदियों को विशेष सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। अतः जेल में सभी कैदियों के लिये समान व्यवहार को अपनाना होगा।
- कैदियों को जेल में कई प्रकार के अत्याचारों का सामना करना पड़ता है। अतः कर्मचारियों के बीच संवेदनशीलता बढ़ाकर इसे दूर किया जा सकता है।
- इसके अतिरिक्त रेड क्रॉस समिति द्वारा सुझाए गए ‘मंडेला नियमों व दिशा-निर्देशों’ का पालन कर किसी भी कारागार को आदर्श कारागार में बदला जा सकता है।