हाल ही में शरणार्थियों के मुद्दे एक अंतर्राष्ट्रीय समस्या के रूप में उभरे हैं। क्या भारत में शरणार्थियों से संबंधित एक स्पष्ट नीति की तत्काल आवश्यकता है ? चर्चा करें।
18 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
उत्तर की रूपरेखा:
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शरणार्थी सामान्यता ऐसे नागरिक होते हैं जो असुरक्षा या युद्ध के भय से दूसरे देशों में प्रवास के लिये बाध्य होते हैं। शरणार्थी समस्या वर्तमान में दुनिया के समक्ष एक गंभीर विषय बनकर उभरा है, जिसका कोई पुख्ता समाधान नहीं दिख रहा। आतंकवाद से संघर्ष कर रहा सीरिया एक देश हो गया है, जहाँ प्रत्येक नागरिक के मन में पलायन का विचार एक बार अवश्य आता है।
शरणार्थियों के समक्ष उत्पन्न होने वाली समस्याएँ:
भारत में शरणार्थियों से संबंधित नीति की आवश्यकता:
भारत भी पड़ोसी देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, तिब्बत और म्यांमार से आने वाले शरणार्थियों की समस्या से जूझ रहा है। वर्तमान में रोहिंग्या, चकमा-हाजोंग, तिब्बती और बांग्लादेशी शरणार्थियों के कारण भारत मानवीय, नैतिकता, आंतरिक सुरक्षा आदि समस्याओं से संघर्ष कर रहा है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि भारत भी शरणार्थियों के संबंध में एक ऐसी घरेलू नीति तैयार करे, जो धर्म, रंग और जातीयता की दृष्टि से तटस्थ हो और जो भेदभाव, हिंसा और रक्तपात के विकट स्थिति से उबारने में कारगर हो।