संयुक्त राष्ट्र परमाणु हथियार निषेध संधि क्या है? इसके समर्थन और विरोध में दिये जाने वाले तर्कों की चर्चा करें।
22 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
उत्तर की रूपरेखा:
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संयुक्त राष्ट्र संघ ने जुलाई 2017 में एक संधि को अपनाया है, इस संधि के माध्यम से किसी भी परिस्थिति में परमाणु हथियारों को विकसित करने, परीक्षण, उत्पादन, निर्माण और किसी भी रूप में प्राप्त करने, रखने या संग्रहण को प्रतिबंधित किया गया है। इसी संधि को संयुक्त राष्ट्र परमाणु हथियार निषेध का नाम दिया गया है।
इस तरह से यह संधि परमाणु हथियारों की सम्पूर्ण शृंखला को प्रतिबंधित करती है। उल्लेखनीय है कि सन् 1968 में नाभिकीय अप्रसार संधि अपनाने के बाद परमाणु हथियारों पर नियंत्रण स्थापित करने के दृष्टिकोण से यह एक महत्त्वपूर्ण बहुराष्ट्रीय संधि है।
संधि के विरोधी राष्ट्रों का मत:
पाँचों प्रमुख परमाणु संपन्न राष्ट्रों अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्राँस और चीन द्वारा इस संधि के प्रति असहमति जताई गई है। उल्लेखनीय है कि भारत ने भी इस संधि के प्रति अपनी अनिच्छा ज़ाहिर की है। इनका तर्क है कि-
संधि के समर्थक राष्ट्रों का मत:
ब्राज़ील इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में प्रथम है, इसके अतिरिक्त अल्जीरिया, वेनेजुएला सहित कुल 123 भागीदार देशों में से 122 देशों ने इस पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। 50 देशों के अनुसमर्थन के पश्चात यह संधि प्रभाव में आ जाएगी। इन देशों ने संधि के समर्थन में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किये हैं-
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोरियो गुतेरस ने उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु और मिसाइल परीक्षणों के बीच बढ़ते तनाव के कारण कहा कि वर्तमान में परमाणु हमले का खतरा शीत युद्ध के उपरांत सबसे अधिक है। अतः ऐसे में यह संधि दुनिया के सार्वभौमिक रूप से आयोजित लक्ष्य “परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व” की दिशा में काफी महत्त्वपूर्ण होगी।