अनिवार्य मतदान का परिणाम उच्च मतदान होगा जो एक उचित लोकतांत्रिक जनादेश और लोकतंत्र की कार्यप्रणाली के लिये महत्त्वपूर्ण है। टिप्पणी कीजिये।
15 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा:
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भारतीय राजनीतिक प्रणाली में मतदान में भागीदारी को सुदृढ़ करने के लिये अनिवार्य मतदान का सुझाव दिया जाता रहा है। समर्थकों का मानना है कि इससे लोग मतदान करने के लिये उत्साहित होंगे तथा राजनीति में गंभीरता से रुचि लेकर सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। एक लोकतांत्रिक समाज में रहने वाले प्रत्येक नागरिक का मतदान करना एक कर्त्तव्य है। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्रीय स्तर पर अनिवार्य मतदान का प्रावधान है।
अनिवार्य मतदान के लाभ:
अनिवार्य मतदान की हानियाँ:
हालाँकि विधि आयोग की 255वीं रिपोर्ट में अनिवार्य मतदान का समर्थन नहीं किया गया है तथा इसे अलोकतांत्रिक, अवांछनीय तथा राजनीतिक जागरूकता एवं भागीदारी बढ़ाने में सही न होना बताया गया है। इसमें राजनीतिक चिंतकों के माध्यम से यह भी कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति को यह चयन करने में सक्षम होना चाहिये कि वह मतदान करना चाहता है या नहीं। 1951 में संसद में जन प्रतिनिधित्व विधेयक पर चर्चा के दौरान अनिवार्य मतदान का विचार एक सदस्य द्वारा रखा गया था। हालाँकि डॉ. बी.आर. अंबेडकर द्वारा इसे व्यावहारिक कठिनाइयों के कारण अस्वीकार कर दिया गया था।
यद्यपि अनिवार्य मतदान के सकाराकात्मक परिणाम हो सकते हैं लेकिन भारत की सामाजिक-आर्थिक दशा को देखते हुए और हमारे अतीत के अनुभवों से यह ज्ञात होता है कि लोगों में जागरुकता उत्पन्न कर मतदान की प्रतिशतता को बढ़ाया जा सकता है। इस दिशा में चुनाव आयोग द्वारा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन और सरकार द्वारा चुनाव के दिन राजकीय अवकाश घोषित करने के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।