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प्रश्न :
बीते समय में चुनावों के दौरान कई प्रकार की गड़बड़ियाँ देखी गई हैं, इस प्रवृत्ति ने लोकतंत्र को किस प्रकार प्रभावित किया है? चुनावी प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के प्रयोग से किस तरह के बदलाव दृष्टिगोचर हुए हैं?
29 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- चुनाव से संबंधित समस्याओं का उल्लेख करें।
- बताएँ की ये लोकतंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है।
- ईवीएम मशीन के प्रयोग से चुनाव में आए बदलाव को लिखें।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र और सुशासन की अनिवार्य शर्त है, किंतु बीते समय में चुनाव में बूथ कैप्चरिंग तथा अवैध मतदान की समस्या को देखा जा सकता था। इसके अलावा राजनीति के अपराधीकरण के कारण मतदाताओं को डर दिखाकर अथवा लालच के द्वारा प्रभावित किये जाने की घटना भी देखी जा रही थी।
बूथ कैप्चरिंग की घटनाओं से लोगों का मतदान तथा चुनाव की प्रक्रिया पर विश्वास घटता है, और लोकतंत्र की प्रक्रिया बाधित होती है। वहीं अवैध मतदान की समस्या से एक मतदाता का मत बेकार हो जाता है जो लोकतंत्र की भावना को प्रभावित करता है। उसी प्रकार लालच तथा डर के द्वारा किसी उम्मीदवार को मत देने के लिये बाध्य किये जाने के कारण व्यक्ति की स्वतंत्रता तथा निष्पक्षता प्रभावित होती है और लोकतंत्र कमजोर होता है।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसके द्वारा मतदान की प्रक्रिया को संपन्न किया जाता है। इसके प्रयोग से चुनावों में निम्न प्रकार के बदलाव देखे जा सकते हैं:
- ईवीएम मशीन द्वारा मत देने की प्रक्रिया पारंपरिक प्रणाली की तुलना में अधिक आसान और तीव्र है। इसके प्रयोग से मतदान की प्रक्रिया में तेजी आई तथा अपेक्षाकृत कम समय में मतों की गणना होने से लोकतांत्रिक रुझानों में वृद्धि हुई।
- ईवीएम मशीन के प्रयोग से पहले बूथ कैप्चरिंग एक आम घटना थी ,किंतु ईवीएम के प्रयोग ने बूथ कैप्चरिंग पर रोक लगी क्योंकि ईवीएम के प्रयोग से 1 घंटे में अधिकतम 300 मतों को ही स्वीकार किया जा सकता है। इतने समय में सुरक्षा अधिकारी आसानी से पहुँच कर असामाजिक तत्वों को रोक सकते हैं। साथ हीइसके प्रयोग से पूर्व में किये गए मतदान को भी बदला नहीं जा सकता है।
- इसके अलावा अवैध मतदान की प्रवृत्ति समाप्त हुई है। एक व्यक्ति एक से अधिक उम्मीदवारों को मत देने के कारण मत बर्बाद हो जाते थे। ईवीएम के प्रयोग से इस समस्या का समाधान हुआ है, क्योंकि एक मतदाता एक बार में एक से अधिक मत दे ही नहीं सकता।
किंतु एक मशीन होने के कारण पिछले चुनावों में ईवीएम मशीन द्वारा सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में मत ग्रहण करने के आरोप लगाए गए हैं। इससे लोकतंत्र के समक्ष विश्वास की समस्या खड़ी हुई है। यद्यपि पी-रोम की व्यवस्था तथा मतदाता सत्यापित कागज ऑडिट ट्रेल के प्रयोग से मतों की विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सकता है। चुनाव आयोग द्वारा की गई जाँच में भी ईवीएम के प्रयोग को सुरक्षित बताया गया है।
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