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प्रश्न :
भावनात्मक लब्धि और बौद्धिक लब्धि के मध्य क्या अंतर है? प्रशासन में भावनात्मक बुद्धिमत्ता के अध्ययन की क्या उपयोगिता है?
22 Sep, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- भावनात्मक लब्धि क्या है?
- बौद्धिक लब्धि किसे कहते है?
- भावनात्मक बुद्धिमत्ता के प्रशासन में महत्व को उल्लेखित करें।
भावनात्मक/संवेगात्मक लब्धि (ई.क्यू.) द्वारा किसी परिस्थिति-विशेष में व्यक्ति की प्रतिक्रिया की क्षमता को मापा जाता है अर्थात् किसी परिस्थिति में कोई व्यक्ति कैसे प्रतिक्रिया करेगा। इसके अंतर्गत आत्म जागरूकता, प्रेरणा, सहानुभूति, आत्म प्रबंधन जैसे मूल्यों का संचालन होता है।
बौद्धिक लब्धि (आई.क्यू.), ई.क्यू. से भिन्न है। आई.क्यू. किसी व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता को मापता है जो तार्किकता पर आधारित होता है। उच्च आई.क्यू. संतुष्ट जीवन, सामाजिक सम्मान या उपलब्धि की गारंटी नहीं देता है।
भावनात्मक बुद्धिमत्ता कुशल प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे, इस प्रकार समझा जा सकता हैः
- कार्यस्थल पर सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने में सहायता मिलती है।
- सामाजिक पूंजी को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
- कार्य-निष्पादन क्षमता में सुधार होता है।
- प्रशासन के अंदर व्यक्तिगत संघर्षों में कमी व अंतर्वैयक्तिक संचार कौशल के विकास में अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं।
- प्रशासन अधिक करुणायुक्त होता है। इससे कमज़ोर वर्गों के जीवन स्तर को सुधारने में एक तेज़ी देखी जाती है।
- समूह भावना में काम करने, सांस्कृतिक बहुलवाद, नेतृत्व क्षमता, लक्ष्य आधारित कार्य, एकाग्रता जैसी विशेषताओं का विकास होता है।
इस प्रकार भावनात्मक बुद्धिमत्ता एक दक्ष, समानुभूति और निष्पक्षता युक्त प्रशासन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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