केन्दीय सतर्कता आयोग के कार्यक्षेत्र को स्पष्ट करते हुए इसकी कार्य-प्रणालियों को स्पष्ट करें।
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- केंद्रीय सतर्कता आयोग के बारे में लिखें।
- इसके कार्यक्षेत्र और कार्य-प्रणालियों को स्पष्ट करें।
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केंद्रीय सतर्कता आयोग केन्द्र सरकार में भ्रष्टाचार निरोध हेतु एक प्रमुख संस्था है जिसका गठन 1964 में संथानम समिति के प्रतिवेदन के आधार पर किया गया था। 2003 में इसे सांविधिक दर्जा प्रदान किया जाना, इसके महत्त्व को दर्शाता है।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग का कार्य क्षेत्र
- संघ सरकार के मामलों से संबंधित अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी।
- केन्द्र सरकार के ग्रुप-A के सभी अधिकारी।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के स्केल-V से ऊपर के अधिकारी।
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, नाबार्ड एवं सिडबी के ग्रेड-D और इससे ऊपर के अधिकारी।
- सरकारी क्षेत्र उपक्रमों के बोर्डों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा अन्य कार्यकारी अधिकारी तथा अनुसूची-(A) और अनुसूची-(B) में उल्लिखित E-8 स्तर के या इससे ऊपर के अधिकारी।
- सरकारी क्षेत्र उपक्रम के अनुसूची-(C) तथा अनुसूची-(D) में उल्लेखित E-7 स्तर या इससे ऊपर के अधिकारी। इसमें संबंधित उपक्रम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी शामिल हैं।
- साधारण बीमा कंपनी के प्रबंधक एवं उससे ऊपर के अन्य अधिकारी।
- जीवन बीमा निगम के अपर विभागीय प्रबंधक तथा इससे ऊपर के अधिकारी।
- केन्द्र सरकार के महँगाई भत्ता पैटर्न के अनुसार रुपये 8700/- या अधिक वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारी।
केंद्रीय सतर्कता आयोग की कार्यप्रणाली
- केन्द्रीय सतर्कता आयोग का चरित्र न्यायिक है तथा इसे अपनी कार्यवाहियों के क्रियान्वयन हेतु दीवानी न्यायालय की शक्तियाँ प्रदान की गई हैं।
- भ्रष्टाचार की आशंका पर यह केन्द्र सरकार या इससे संबंधित प्रधिकरणों से किसी भी प्रकार की जानकारी मांग सकते हैं।
- भ्रष्टाचार का आरोप होने पर यह अपने निर्देश पर किसी जाँच एजेंसी द्वारा की गई जाँच रिपोर्ट पर विचार करने के बाद केन्द्र सरकार या इससे संबंधित प्राधिकरण को कार्यवाही करने की सलाह देता है।
- केन्द्र सरकार आयोग की सलाह पर अपेक्षित कदम उठाती है। यदि केन्द्र सरकार आयोग की किसी सलाह को मानने से इंकार करती है तो उसे लिखित रुप में इसके कारणों को केन्द्रीय सतर्कता आयोग को बताना होता है।
- आयोग अपनी वार्षिक कार्यकलापों की रिपोर्ट, राष्ट्रपति को देता है जिसे राष्ट्रपति संसद के प्रत्येक सदन में प्रस्तुत करते हैं।
स्पष्ट है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग अपने कार्यों का क्रियान्वयन एक अर्द्ध-न्यायिक निकाय के रूप में करता है। अपने कार्यों की प्रभाविता के लिये इसे किसी कार्यकारी प्राधिकार के नियंत्रण से मुक्त रखा गया है।