राजनीतिक दल और दबाव समूह में अंतर को स्पष्ट करते हुए भारत में दबाव समूह के प्रकारों का विश्लेषण कीजिये।
10 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा:
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राजनीतिक दल नागरिकों का एक ऐसा समूह है जो समान सिद्धांतों पर विश्वास करते हुए चुनाव के माध्यम से सत्ता प्राप्त करने का प्रयास करते हैं, जबकि दबाव समूह साझे हितों से संचालित लोगों का संगठन है जो अपने साधनों की प्राप्ति के लिये राजनीति को प्रभावित करते हैं। राजनीतिक दल और दबाव समूह मैं अंतर को निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है-
भारतीय राजनीति में दबाव समूह को निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है-
सामाजिक पहचान पर आधारित दवाब समूह
ऐसे समूह धर्म, जाति, भाषा अथवा क्षेत्र के आधार पर सामुदायिक हितों से जुड़े होते हैं। सामान्यतः इनकी सदस्यता जन्म से निर्धारित होती है। उदाहरण के लिये बजरंग दल तथा जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठन धर्म पर आधारित दबाव समूह हैं।
व्यावसायिक संघ
यह सब अपने संयुक्त व्यवसायिक हितों के लिये एकत्रित होते हैं और सरकार पर अपने हितों के लिये नियम बनाने का दबाव डालते हैं। मज़दूर संघ व्यापार संस्थाएँ इसी प्रकृति के दबाव समूह में शामिल है। फिक्की, एन.एस.यू.आई जैसे संगठन व्यवसायिक दबाव समूहों के उदाहरण हैं।
संस्थात्मक दबाव समूह
यह सरकारी कर्मचारियों तथा अधिकारियों द्वारा निर्मित दबाव समूह है। उदाहरण के लिये सरकारी चिकित्सकों का संगठन तथा IAS अधिकारियों का संगठन इसके उदाहरण है।
उद्देश्य समूह
इनका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण, मानव अधिकार जैसे सामाजिक विषयों से संबंधित सामाजिक हितों की रक्षा करना है। इसके लिये यह मानव अधिकारों के पक्ष में कार्य करने के लिये सरकार पर दबाव डालते हैं। नर्मदा बचाओ आंदोलन तथा नाज फाउंडेशन जैसे संगठन उद्देश्य समूह के उदाहरण हैं।
प्रदर्शनात्मक समूह
यह प्रदर्शन तथा हिंसा के माध्यम से दबाव डालकर अपने हितों की प्राप्ति का प्रयास करते हैं पीपुल्स वार ग्रुप जैसे संगठन ऐसे ही संगठन है।
तदर्थ दबाव समूह
किसी विशेष कार्य के लिये बनते हैं और कार्य में सफलता के साथ ही समाप्त हो जाते हैं।
इस प्रकार हम देखते हैं अपनी प्रकृति के आधार पर दबाव समूहों को कई भागों में बाँटा जा सकता है। उद्देश्य समूह जैसे कई संगठन मानव हितों को उठाकर लोकतांत्रिक शासन में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं।