आपके विचार से अनुपालन एवं आज्ञापालन में क्या अंतर है? साथ ही, उन कारकों का उल्लेख करें जो किसी व्यक्ति के ‘आज्ञापालन’ को प्रभावित करते हैं।
उत्तर :
अनुपालन से अभिप्राय है- किसी दूसरे व्यक्ति के अनुरोध पर किसी कार्य का निष्पादन करना जबकि आज्ञापालन से तात्पर्य है किसी आदर के योग्य व्यक्ति, माता-पिता, अध्यापक या सरकारी अधिकारी के अनुदेश या आदेश का ‘अनुपालन’ करना है।
जैसे- यदि कोई अनजान वृद्ध पास की दुकान से कोई सामान लाने के लिये आपसे अनुरोध करे और आप उसका कार्य कर दें, तो उसे अनुपालन कहा जाएगा। वहीं, यदि वह वृद्ध आपके दादा हैं और वो आपको आदेश या अनुदेश दें, तब उनका कार्य करना आज्ञापालन कहलाएगा।
अनुपालन एवं आज्ञापालन में अन्य अंतरः
- आज्ञापालन में कोई बाहरी दबाव न होकर आंतरिक प्रेरणा या सामाजिक प्रभाव देखा जाता है जबकि अनुपालन में ऐसा नहीं होता।
- अनुपालन में द्वन्द्व का भाव या तनाव गौण रूप में उपस्थित रहता है, परंतु आज्ञापालन में ऐसा नहीं होता।
- अनुपालन का स्वरूप अस्थायी होता है, किंतु आज्ञापालन का स्वरूप अपेक्षाकृत स्थायी होता है।
- अनुपालन में व्यक्ति के निजी निर्णय एवं समूह निर्णय के बीच विरोध संभव है जबकि आज्ञापालन में ऐसा नहीं होता।
किसी व्यक्ति का ‘आज्ञापालन’ निम्नलिखित कारकों से प्रभावित होता है-
- जब व्यक्ति को अपने द्वारा किये गए अपमानजनक कार्यों या सार्वजनिक पीड़ा का ज्ञान हो जाता है तो उसकी आज्ञापालन प्रवृत्ति में कमी आती है। जैसेः मान लिजिये कोई व्यक्ति मंदिर में चोरी करता है। उसके घरवालों को यह मालूम होने पर जब उसको घर पर खूब लताड़ा जाता है, तब से उसकी घरवालों के प्रति आज्ञापालन में कमी देखी जा सकती है।
- जब व्यक्ति को उसके द्वारा किये गए गलत कार्यों के लिये उत्तरदायी ठहराया जाता है, तो उसका अधिकारी के प्रति आज्ञापालन कम हो जाता है।
- जब किसी अधिकृत अधिकारी के आदेश का पालन दूसरे लोग नहीं करते, तो यह देखकर व्यक्ति में आज्ञापालन घट जाता है। यदि स्थिति विपरीत हो तो आज्ञापालन बढ़ भी जाता है।
- जब पीड़ित की वेदना अत्यधिक बहिर्गत एवं दर्दनाक होती है, तो अधिकारी के प्रति उसका आज्ञापालन घट जाता है।