एक लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में नागरिक निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा निर्मित विभिन्न कानूनों द्वारा प्रशासित होते हैं। चूंकि ‘कानून’ ही प्रशासन का नैतिक मार्गदर्शन करते हैं, इसीलिये कानून-निर्माण करते समय विधायिका को किन पहलुओं पर जरूर गौर करना चाहिये? साथ ही, एक अच्छे कानून के कुछ लक्षणों का भी उल्लेख करें।
उत्तर :
‘कानून’ नियमों का एक संकलन होता है, जो नागरिकों पर किसी कार्य को करने या न करने की बाध्यता आरोपित करता है। किसी सामाजिक व्यवस्था को नियमित करने के लिये कानून की उपस्थिति आवश्यक होती है। कानून ही किसी देश के प्रशासन हेतु नैतिक मार्गदर्शक का भी कार्य करते हैं। कानून किसी भी समाज में सामञ्जस्यपूर्ण वातावरण के निर्माण के लिये आवश्यक होते हैं।
किसी कानून के निर्माण के दौरान विधायिका को निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान देना चाहिये-
- सार्वभौमताः नए कानून की प्रकृति सार्वभौमिक होनी चाहिये। ऐसी प्रकृति जो सर्वमान्य हो।
- तर्कसंगतताः प्रत्येक कानून को तर्कसंगत एवं लोगों की आवश्यकताओं के अनुरूप होना चाहिये।
- नैतिक तौर पर उचितः नया कानून नैतिक तौर पर स्वीकार्य होना चाहिये।
- बाध्यकारीः नए कानून का क्रियान्वयन बाध्यकारी होना चाहिये।
- जागरूकताः नए कानून के संबंध में लोगों को पर्याप्त जानकारी दी जानी चाहिये तथा यह भी बताया जाना चाहिये कि नया कानून बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी।
एक अच्छे कानून के लक्षणः
- ऐसे कानून का पालन कर पाना सबके लिये संभव होता है। उसका पालन करना या उल्लंघन करना व्यक्तिगत विवेक पर निर्भर होता है।
- एक अच्छा कानून मानवीय प्रकृति के अनुरूप होता है। वह अस्वाभाविक शर्तें सामने नहीं रखता। जैसे- सोने के घण्टों की सीमाएँ निर्धारित करना, खाने की मात्रा निश्चित करना आदि।
- एक अच्छा कानून व्यक्तिगत हितों की बजाय सामान्य हितों को सदैव वरीयता देता है।
- एक अच्छा कानून सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप होता है। वह किसी मूल्य/प्रथा के विरूद्ध होता भी है तो पहले उस संबंध में समाज में व्यापक विचार विमर्श हो चुका होता है। जैसे- सती प्रथा के विरूद्ध कानून।
- एक अच्छे कानून को विधायिका द्वारा उचित प्रक्रिया के अनुसार बनाया जाता है तथा लागू करने से पहले उसके संबंध में जनता को जानकारी देने की गंभीर कोशिश की जाती है।