‘विभिन्न संवैधानिक प्रावधानों, कानूनों, नियमों एवं विनियमों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के राजनीतिक दबावों के बावजूद एक सिविल सेवक ‘प्रतिबद्धता’ और ‘सेवा भावना’ जैसे मूल्यों की शक्ति से ही जन-अपेक्षाओं को पूरा कर पाता है’ विवेचना कीजिये।
08 May, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नवर्तमान समय में एक सिविल सेवक को अपने कर्त्तव्य पालन के दौरान विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। एक कल्याणकारी राज्य की अपेक्षाओं को पूरा करने के क्रम में विभिन्न प्रकार के बाहरी व आंतरिक दबावों के समक्ष डटे रहना पड़ता है। अपनी कार्यशैली में पारदर्शिता बनाए रखते हुए और बाहरी हस्तक्षेपों से विचलित हुए बिना एक लोकसेवक तभी सफल हो पाता है जब उसमें ‘प्रतिबद्धता’ और ‘सेवा भावना’ जैसे बुनियादी मूल्य उपस्थित हों।
प्रतिबद्धता व्यक्ति का एक आंतरिक गुण होता है। यह ‘प्रतिबद्धता’ किसी मूल्य या विचारधारा के प्रति हो सकती है। एक सिविल सेवक से अपेक्षा रहती है कि वह संविधान, वंचितों के सामाजिक व कल्याणकारी उद्देश्यों, कानून, नियमों एवं सरकारी नीतियों के प्रति प्रतिबद्ध रहे तथा संविधान की मूल भावना के प्रतिकूल नीति का अनुसरण न करे। यह ‘प्रतिबद्धता’ का गुण एक सिविल सेवक को सदैव प्रेरित रखता है।
‘सेवा भावना’ वह मनःस्थिति है जिसमें व्यक्ति अपनी ‘नैतिक छिाम्मेदारी’ समझकर किसी कार्य को करता है। सिविल सेवा में उस ‘सेवा भावना’ से तात्पर्य होता है कि वेतन और सुविधाओं पर विशेष ध्यान न देते हुए एक सिविल सेवक द्वारा उस भाव से कर्तव्य पालन करना कि वह अपनी शक्तियों का अधिकतम उपयोग लोक कल्याण को साधने में कैसे कर सकता है। इस प्रकार की मनःस्थिति से कार्य करने पर आनंद तो मिलता ही है, एक आंतरिक ऊर्जा का संचरण भी होता है, जो विपरीत शक्ति के झंझावतों से लड़ने की ताकत देती है।
अतः एक सिविल सेवक की सेवा भावना और संविधान के प्रति प्रतिबद्धता उसे जनहित के कार्यों को करने के लिये लगातार प्रेरित करती है और राजनीतिक दबावों की स्थिति में भी उचित एवं वैध तरीकों को अपनाने के लिये सतत् रूप से प्रोत्साहित करती है।