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प्रश्न :
पूर्वाग्रह पर नियंत्रण एक मुश्किल कार्य है परंतु समाज में तनाव को बढ़ने से रोकने के लिये इस पर नियंत्रण आवश्यक है। चर्चा कीजिये।
12 May, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
पूर्वाग्रह से तात्पर्य है- किसी के संबंध में पहले से ही निश्चित मत (Opinion)। यह किसी विशिष्ट समूह के प्रति व्यक्ति की अभिवृत्ति का उदाहरण है। पूर्वाग्रह प्रायः नकारात्मक होते हैं और विभिन्न स्थितियों में किसी विशिष्ट समूह के संबंध में रूढ़धारणा (Stereotype) पर आधारित होते हैं। यह रूढ़धारणा लक्ष्य समूह के संबंध में अवांछित विशेषताओं से युक्त होती है और उस समूह के सदस्यों के संबंध में पूर्वाग्रह/नकारात्मक अभिवृत्ति को जन्म देती है। जैसे- हिटलर ने अपने प्रोपगैंडा के तहत नाजियों के मन को ‘अवांछित यहूदियों’ के प्रति पूर्वाग्रह से भर दिया, जिसके कारण यहूदी ‘प्रजाति संहार’ से गुजरे।
अभिवृत्ति ही होने के कारण पूर्वाग्रह के भी संज्ञानात्मक, भावात्मक एवं व्यवहारात्मक घटक होते हैं। परंतु, पूर्वाग्रह के संज्ञानात्मक एवं भावात्मक घटकों को परिवर्तित करना बहुत कठिन है क्योंकि व्यक्ति जिस वस्तु/व्यक्ति के प्रति पूर्वाग्रह से पीड़ित हो जाता है, उसके प्रति नकारात्मक अथवा सकारात्मक छवि बना लेता है। ‘पूर्वाग्रहों’ के चलते समाज का एक विशिष्ट समूह दूसरे विशिष्ट समूह के प्रति जब एक निश्चित अवधारणा बना लेता है तो समाज में तनाव उत्पन्न हो जाता है। जहाँ पूर्वाग्रह विद्यमान होता है, वहाँ एक ही समाज के समूहों में अन्तर्द्वन्द्व उत्पन्न होने की संभावना बहुत प्रबल होती है। इसी कारण पूर्वाग्रह पर नियंत्रण आवश्यक माना जाता है। ऐसा करना निम्नलिखित उपायों से ही संभव हो सकता है-
- शिक्षा एवं सूचना के प्रसार द्वारा विशिष्ट लक्ष्य समूह से संबंधित रूढ़धारणाओं को संशोधित करके।
- अन्तःसमूह संपर्क को बढ़ाकर, जिससे समूहों के मध्य आपसी अविश्वास दूर हो तथा समूह एक-दूसरे के सकारात्मक गुणों से परिचित हो सकें।
- उन स्रोतों को न्यूनतम करके जो पूर्वाग्रह बढ़ाने में सहायक होते हों।
- अपने समूह में भी संकुचित ‘सामाजिक अनन्यता (Social excluivity) की भावना को कम करने का प्रयास करके।
- पूर्वाग्रह के शिकार लोगों में स्वतः साधक भविष्योक्ति की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करके। इस प्रवृत्ति के अंतर्गत यह लक्ष्य समूह वहीं कृत्य करते हैं जो उनके प्रति औरों के पूर्वाग्रह को पुष्ट करता है।
इस प्रकार, ‘पूर्वाग्रह’ को नियंत्रित या न्यूनतम करके एक बहुधर्मी, बजुजातीय, बहुवर्गीय समाज में व्यवस्था बनाकर रखी जा सकती है।
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