- फ़िल्टर करें :
- सैद्धांतिक प्रश्न
- केस स्टडीज़
-
प्रश्न :
एक लोकसेवक में उत्तरदायित्व की भावना का उपस्थित होना अपरिहार्य माना जाता है परंतु अनेक कारक ऐसे हैं जो उत्तरदायित्व के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करते हैं। उन अवरोधकों को दूर कर लोकसेवाओं में उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के उपायों की चर्चा करें।
17 May, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
‘उत्तरदायित्व’ से तात्पर्य है- जिस व्यक्ति के पास कोई विवेकाधीन शक्ति है, उस पर बाध्यता होना कि वह अपने विवेक से किये गए कृत्यों की संतोषप्रद व्याख्या कर सके अन्यथा उसे उन कृत्यों के लिये दण्ड दिया जा सकता है। यथा- कितना धन किस मद में खर्च किया गया और क्यों? किसी विशेष स्थिति में कौन-सा निर्णय लिया गया और क्यों? इत्यादि की संतोषप्रद व्याख्या करने की बाध्यता। इस ‘संतोषप्रद व्याख्या’ में निम्नलिखित गुण होने चाहियें-
- तार्किकता।
- यह दिखे कि अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ कदम उठाया गया था।
- यह दिखे कि कोई तथ्य जान-बूझकर छिपाया नहीं गया है या भेदभाव नहीं किया गया है।
- निर्णय संविधान और कानूनों से सुसंगत प्रतीत होता है।
- निर्णय नैतिक संहिता तथा आचरण संहिता को की कसौटियों पर भी खरा उतरता है।
उत्तरदायित्व के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करने वाले कारकः
- भ्रष्टाचार, अपारदर्शिता, गैर-जवाबदेही तथा नियमों, कानूनों, क्रियाविधियों की जटिलता।
- उत्तरदायित्व को निभाने के लिये आवश्यक नैतिक मूल्यों का विकसित न होना।
- राजनीतिक हस्तक्षेप तथा प्रशासन पर बढ़ता राजनीतिक दबाव।
लोकसेवाओं में उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के उपायः
- सूचना के अधिकार का प्रभावी उपयोग।
- नागरिक घोषणा पत्र (सिटीजन्स चार्टर) की प्रभावी व्यवस्था।
- सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर अनुप्रयोग करते हुए ई-गवर्नेंस लाना।
- सी.सी.टी.वी. तथा अन्य सर्वेक्षण तकनीकों का प्रयोग।
- मजबूत सतर्कता तंत्र तथा लोकपाल जैसी संस्थान।
- मीडिया गैर-सरकारी संगठनों जैसे माध्यमों द्वारा प्रशासन पर नैतिक दबाव।
इस प्रकार विभिन्न उपायों द्वारा उत्तरदायित्व को सुनिश्चित कर एक उत्तरदायी शासन प्रणाली की स्थापना की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print